Jharkhand news: पलामू के नावाबाजार थाना के निलंबित थानेदार लालजी यादव के आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. थानेदार लालजी यादव के परिजनों ने इस मामले को हत्या का मामला बताते हुए पलामू के एसपी, डीटीओ, एसडीपीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी राजकुमार लकड़ा को लिखित रूप से शिकायत की है. जिस पर डीआईजी ने परिजनों को भरोसा दिया है कि सभी पहलुओं की छानबीन की जायेगी और कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
मंगलवार को रात करीब 12 बजे लालजी यादव के परिजन नावाबाजार थाना पहुंचे थे. तब तक मेदिनीनगर-औरंगाबाद मार्ग जाम था. लालजी यादव के छोटे भाई संजीव कुमार यादव ने आरोप लगाया कि उनके भाई काफी दबाव में थे. डीटीओ व एसडीपीओ के कहने पर एसपी ने अकारण कार्रवाई की. उनके भाई पर उगाही करने का दबाव था. पर, इसके लिए वह तैयार नहीं थे.
निलंबन मुक्त करने के लिए राशि की मांग की जा रही थी. इसको लेकर वह काफी हताश थे, लेकिन इसके बाद भी वह ऐसा कदम नहीं उठा सकते थे. एक साजिश के तहत उनकी हत्या की गयी है. इसलिए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच जरूरी है.
बुधवार की सुबह मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तीन सदस्यीय चिकित्सकों के दल ने शव का पोस्टमार्टम किया. उसके बाद रांची के रास्ते शव को लालजी यादव के पैतृक गांव साहिबगंज भेज दिया गया. इधर झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. वहीं, इस मामले में एसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि उनके परिजनों द्वारा जो भी आरोप लगाया गया है वह सत्य से परे है. जहां तक लालजी यादव के निलंबन का प्रश्न है, तो इसके पर्याप्त कारण था. नियम सम्मत कार्रवाई की गयी है.
मालूम हो कि सोमवार को नावाबाजार थाना परिसर में निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव का शव उनके कमरे में पंखे से झूलता हुआ पाया गया था. इस मामले में अब तक जांच में जो बात सामने आयी है उसके अनुसार लालजी यादव मानसिक तनाव में थे. इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली. 6 जनवरी को पलामू के डीटीओ से दुर्व्यवहार करने के मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद एसपी चंदन सिन्हा ने लालजी यादव को निलंबित किया था.
रिपोर्ट : अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर.