पलामू : चाकू से हमला कर घायल करने के एक दोषी को उम्रकैद, दूसरे को 10 साल की सजा

पलामू जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने जान मारने की नियत से चाकू से हमला करने के मामले में दो दोषियों को सजा सुनायी. एक को आजीवन कारावास, तो दूसरे को 10 साल की सजा सुनायी. साथ ही एक दोषी को 70 हजार और दूसरे को 40 हजार का जुर्माना भी लगाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2023 3:58 PM

डाल्टनगंज, प्रकाश रंजन : पलामू जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) संतोष कुमार की अदालत ने जान से मारने की नियत से चाकू मारकर हमला करने के मामले में लेस्लीगंज निवासी परवेज आलम (27 वर्ष) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, एक अन्य दोषी कुतुबुद्दीन सिद्दीकी (64 वर्ष) को 10 साल की सजा सुनाई. मामले में दोषी परवेज आलम पर 70 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दोषी परवेज को ढाई साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. वहीं, दोषी कुतुबुद्दीन सिद्दीकी पर 40 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर डेढ़ साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

क्या था मामला

जान से मारने की नियत से चाकू मारकर घायल करने के मामले में 17 जुलाई, 2011 को लेस्लीगंज थाने में पीड़ित मनोज लाल की ओर तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि दोपहर एक बजे के करीब लेस्लीगंज बाजार स्थित किराना दुकान में अपने भाई के साथ दुकान में बैठा थ्का. इसी बीच उसके दुकान के बगल में संचालित दुकानदार सिंगार स्टोर के मालिक कुतुबुद्दीन सिद्दीकी ने उसके किराना दुकान के बाहर लगाए गए छज्जा को हटाने के लिए बोला. मनोज का आरोप है कि वह छज्जा काफी समय पहले से लगा हुआ था, जिस कारण उसने इनकी बातों को नहीं सुनी और छज्जा को नहीं हटाया. इसी बात से नाराज होकर कुतुबुद्दीन सिद्दीकी, उसका पुत्र परवेज आलम तथा सबीना खातून की ओर उसके भाई रमेश लाल पर हमला कर दिया.

चाकू से किया था हमला

मारपीट के दौरान आरोपियों द्वारा दुकान से चाकू निकालकर उसके भाई के पेट में मार दिया गया. बचाने के लिए जब अन्य लोग जुटे और बचाना चाहा, तो दोबारा चाकू और मार दिया, जिससे उसके भाई की स्थिति काफी गंभीर हो गई. घायल अवस्था में उसे प्राथमिक उपचार के लिए लेस्लीगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से घायल को सदर अस्पताल, मेदनीनगर रेफर कर दिया गया तथा वहां से रिम्स में उसका इलाज चला.

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कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई सजा और एक को किया बरी

शिकायतकर्ता मनोज लाल का आरोप था कि यह हमला आरोपियों ने जान से मारने की नियत से किया था. मामले में दर्ज प्राथमिकी, पुलिस अनुसंधान, चिकित्सीय प्रमाण तथा गवाहों की गवाही के आधार पर कोर्ट ने मामले में दो आरोपियों के खिलाफ सजा सुनाई तथा एक को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया.

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