सहोदरों के साथ मौसीबाड़ी गये भगवान जगन्नाथ
रथयात्रा के साथ-साथ कीर्तन मंडली भी चल रही थी, रथ खींचने के लिए श्रद्धालुअों में मची थी होड़
चैनपुर. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा रविवार को चैनपुर गढ़ परिसर स्थित मंदिर से धूमधाम से निकाली गयी. मुख्य पुजारी नागवंत पाठक द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान की विशेष पूजा-अर्चना कर विग्रह को रथ पर आरूढ़ कराया गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने रथ की रस्सी खींचकर रवाना किया. रथयात्रा शुरू होते ही भगवान जगन्नाथ के जयघोष से पूरा चैनपुर गूंज उठा. रथयात्रा बाजे-गाजे के साथ निकाली गयी. साथ-साथ कीर्तन मंडली भी चल रही थी. इस दौरान हजारों की संख्या में महिला-पुरुष, बच्चे व बूढ़े भगवान को प्रसाद चढ़ाने तथा रथ खींचने की होड़ लगाये हुए थे. रथयात्रा गढ़ परिसर से निकलकर चैनपुर बाजार, हॉस्पिटल चौक होते हुए किशुनदाहा मंदिर स्थित मौसीबाड़ी पहुंची. जहां तीन दिनों के विश्राम के बाद भगवान वापस गढ़ परिसर मंदिर में पहुंचेंगे. रथयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चैनपुर पुलिस तत्पर थी. रथ यात्रा में काफी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए.
चैनपुर में 1861 से निकल रही है रथयात्रा :
चैनपुर में रथयात्रा की शुरुआत 1861 में चैनपुर के तत्कालीन राजा भगवत दयाल सिंह ने शुरू की थी. कहा जाता है कि राजा भगवत दयाल सिंह भगवान जगन्नाथ के बहुत बड़े भक्त थे. उनके लिए प्रतिदिन रांची स्थित जगन्नाथ मंदिर से प्रसाद आता था. बाद में भगवान जगन्नाथ की कृपा से यहीं मंदिर बनाकर भगवान जगन्नाथ के विग्रह की स्थापना कर रथयात्रा का शुभारंभ कराया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है