मेदिनीनगर: शहर के शिवाला रोड स्थित शिव मंदिर से लक्ष्मी नारायण की चांदी का मुकुट व लड्डू गोपाल की अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति चोरी मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दिलकश रौशन को दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके से गिरफ्तार किया है. उसकी निशानदेही पर लड्डू गोपाल की मूर्ति भी बरामद कर लिया गया है. दिलकश रौशन रेहला थाना क्षेत्र के डंडीकला गांव का रहने वाला है. यह जानकारी अनुमंडलीय पुलिस उपाधीक्षक सुरजीत कुमार ने सोमवार को शहर थाना में प्रेस कांफ्रेंस में दी.
उन्होंने बताया कि दिलकश की निशानदेही पर लड्डू गोपाल की मूर्ति गढ़वा वनांचल डेंटल कॉलेज हॉस्पिटल के सामने एक खेत में बने गड्ढे में करीब दो फीट अंदर से बरामद किया गया. एसडीपीओ ने बताया कि 11 सितंबर की रात हुई इस चोरी की घटना को लेकर मंदिर के पुजारी सुनील कुमार चौबे ने शहर थाना में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद एसपी रीष्मा रमेशन के निर्देश पर अनुसंधान शुरू किया गया. तकनीकी शाखा के सहयोग से विभिन्न जगहों पर छापामारी की गयी. इसके पूर्व 17 सितंबर को घटना में शामिल पोखराहा खुर्द के मोहम्मद सोहेल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी.
उसने दिलकश के इशारे पर चोरी की घटना को अंजाम देने की बात कही थी. सोहेल ने लक्ष्मी नारायण का मुकुट सासाराम (बिहार) के जेवर व्यवसायी उपेंद्र कुमार सेठ की दुकान पर बेचा था. पुलिस ने वहां से चांदी के मुकुट को क्षतिग्रस्त अवस्था में बरामद कर उपेंद्र सेठ को गिरफ्तार कर लिया था. 18 सितंबर को सोहेल व उपेंद्र को जेल भेज दिया गया था. वहीं मुख्य आरोपी दिलकश की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. दिलकश लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था. जिस कारण उसे गिरफ्तार करने में परेशानी हुई. दिलकश पहले भी गढ़वा जिले के कांडी में मंदिर से मूर्ति चोरी मामले में दो बार जेल जा चुका है. छापामारी टीम में शहर थाना प्रभारी अभय कुमार सिन्हा, सब इंस्पेक्टर अजीत मुंडा, टीओपी वन प्रभारी रेवा शंकर राणा, नवी अंसारी, आरक्षी राकेश सिंह, शारिक इरशाद, संतन कुमार मेहता, रामजी रविदास, प्रफुल्ल कुमार सिंह आदि शामिल थे.
लड्डू गोपाल की बरामद मूर्ति को अभी मंदिर में स्थापित नहीं किया जायेगा. एसडीपीओ ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद ही मूर्ति को पुजारी को सौंपा जायेगा. इसके बाद पुजारी द्वारा मूर्ति मंदिर में स्थापित की जा सकेगी.