विश्रामपुर. रेहला थाना क्षेत्र के केतात गांव की एक महिला की मौत प्रसव के दौरान एमएमसीएच में हो गयी. इसके बाद शव लेकर गांव आये सरकारी एंबुलेंस को चालक सहित ग्रामीणों ने वापस जाने से रोक दिया. परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक की लापरवाही से महिला की जान गयी है. रेहला पुलिस के हस्तक्षेप पर एंबुलेंस शव को लेकर वापस एमएमसीएच लौट गया. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जानकारी के अनुसार केतात गांव के पिंटू ठाकुर की पत्नी रीना देवी (25) को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा होने पर एमएमसीएच लाया गया था. चिकित्सकों द्वारा परिजनों को बताया गया कि रीना के शरीर में खून की कमी है. जिसके बाद रीना को एक यूनिट खून चढ़ाया गया. शाम आठ बजे ऑपरेशन के बाद रीना ने एक बच्ची को जन्म दिया. परिजनों के अनुसार रात 11 बजे चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि रीना की मौत हो गयी है. उन्हें रीना की मौत का कारण भी नहीं बताया गया. अहले सुबह चार बजे सरकारी एंबुलेंस से रीना के शव को जबरदस्ती केतात गांव भेज दिया गया. ग्रामीणों का कहना था कि चिकित्सक की लापरवाही से रीना की जान गयी है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया. अपनी कमी व लापरवाही छुपाने के लिए शव को आनन-फानन में घर भेज दिया गया. ग्रामीण शव का पोस्टमार्टम कराने, दोषी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई व परिजनों को 10 लाख मुआवजा देने की मांग करने लगे. सूचना मिलने के बाद रेहला थाना प्रभारी संतोष कुमार पुलिस बल के साथ मृतका के घर गये. ग्रामीणों को समझाया. इसके बाद पुलिस शव को उसी एंबुलेंस से एमएमसीएच ले गयी. जिसके बाद सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम के लिए शव को रांची रिम्स भेज दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है