जल संरक्षण व पर्यावरण बचाव के बताये गये उपाय
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के द्वारा शहर के नयी मुहल्ला स्थित आनंद मार्ग जागृति परिसर में तीन दिवसीय सेमिनार चल रहा है.
मेदिनीनगर. आनंद मार्ग प्रचारक संघ के द्वारा शहर के नयी मुहल्ला स्थित आनंद मार्ग जागृति परिसर में तीन दिवसीय सेमिनार चल रहा है. शनिवार को प्रशिक्षक सेवा निवृत शिक्षक विजय सिंह एवं अमरेश कुमार ने आनंद मार्गियों को जल संरक्षण व पर्यावरण को बचाने के लिए आवश्यक सुझाव दिया. उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि विशेषज्ञों ने जल संकट और पर्यावरण के असंतुलन को गंभीर समस्या बताया है. इसे चुनौती के रूप में लेते हुए जल संरक्षण व सतत भूमि प्रबंधन को लेकर नयी रणनीति तैयार करने की जरूरत है. प्रशिक्षक विजय कुमार ने पारंपरिक ज्ञान व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समन्वय करते हुए बताया कि इन समस्याओं को प्रभावी समाधान किया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने कई उपाय बताया. प्रशिक्षक अमरेश कुमार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण पर जोर दिया. कहा कि वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण यह स्थिति बनी है. वनों को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान चला कर पौधा लगाने और पेड़ों को बचाने की आवश्यकता है. जल प्रबंधन के लिए पुराने जलस्रोत को संरक्षित करते हुए जल भंडारण की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है. आहर-पोखर, तालाब, डैम का निर्माण व जीर्णोद्धार करा कर वर्षा का जल संरक्षित किया जाना चाहिए. ऐसा करने से भूमि का जल स्तर ऊपर आयेगा और जल संकट से छुटकारा मिलेगा. मौके पर काफी संख्या में आनंदमार्गी मौजूद थे.
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