मेडिकल कॉलेज ने जमा की जुर्माने की राशि

ब्लड बैंक का लाइसेंस फेल होने व शिक्षकों की कमी को लेकर एनएमसी ने लगाया था 12 लाख का जुर्माना

By Prabhat Khabar News Desk | June 2, 2024 9:47 PM

मेदिनीनगर. सदर अस्पताल वर्तमान में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस चार वर्ष पूर्व फेल हो चुका था. इसके बाद भी उसे संचालित किया जा रहा था. वहीं मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी है. इसे लेकर एनएमसी ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज ने एनएमसी को आरटीजीएस के माध्यम से 12 लाख रुपये जुर्माना की राशि जमा कर दी है. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ कामेंद्र प्रसाद ने बताया कि एनएमसी के निर्देश पर कॉलेज की ओर से राशि जमा कर दी गयी है. हालांकि राशि के लिए आवंटन की मांग सरकार से की गयी है. राशि प्राप्त होने के बाद मेडिकल कॉलेज मद में जमा करा दिया जायेगा. मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज में नये सत्र में नामांकन को लेकर सभी जानकारियां अॉनलाइन एनएमसी को भेजी गयी थी. जिसमें इस बात का जिक्र था कि सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस 30 सितंबर 2020 को ही फेल हो चुका है. लेकिन लाइसेंस कर रिन्युअल नहीं हुआ है. जबकि छह हजार रुपये लाइसेंस फीस के नाम पर व डेढ़ हजार रुपये इंस्पेक्शन फीस के नाम पर चालान से सात सितंबर 2020 को जमा किया जा चुका है. इसे लेकर एनएमसी ने नाराजगी जतायी थी. एनएमसी के अधिकारी का कहना था चार साल बीतने के बाद भी लाइसेंस का नवीकरण नहीं होना लापरवाही है. टीम द्वारा ब्लड बैंक की भी जांच की गयी थी. जिसमें 12 कमियां पायी गयी थी. जांच के क्रम में पाया गया कि ब्लड बैंक में एलिजा मशीन अभी तक नहीं लगाया गया है. एलिजा मशीन से ब्लड के संक्रमण की जांच की जाती है. इस संबंध में पलामू के सिविल सर्जन ने सात सितंबर 2020 को राज्य औषधि नियंत्रक निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version