पलामू के पाटन प्रखंड का हाल, चावल के अभाव में कई स्कूलों में बच्चों को नहीं मिल रहा मिड डे मील

सभी प्रधानाध्यापक सह सचिव को वैकल्पिक रूप से एमडीएम चालू रखने का निर्देश दिया गया है. एजीएम सुनील कुमार ने बताया कि कुछ त्रुटि थी. जिसे दूर कर लिया गया है. शनिवार से आवंटन उपलब्ध करा दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2023 6:25 AM
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पलामू जिला के पाटन प्रखंड के कई विद्यालयों में एमडीएम बंद है. इसका कारण चावल का अभाव बताया जा रहा है. प्रखंड में कुल 189 विद्यालय हैं. पूरे प्रखंड के लिए करीब 1500 क्विंटल चावल का आबंटन होता है. उक्त आबंटन तीन महीने कि लिए होता है. इस तरह वर्ष में चार बार आवंटन आता है. यह आवंटन प्रत्येक विद्यालय को कार्य दिवस के मुताबिक दिया जाता है.

नवंबर 2022 तक का 1250 क्विंटल आवंटन था. इसमें 850 क्विंटल का आरओ दिया गया था. शेष 400 क्विंटल बच गया था. दिसंबर माह में 20 दिन का ही कार्य दिवस है. इसमें 12 दिन का ही आवंटन भेजा गया है. बीइइओ हरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि कहीं भी एमडीएम बंद नहीं है.

सभी प्रधानाध्यापक सह सचिव को वैकल्पिक रूप से एमडीएम चालू रखने का निर्देश दिया गया है. एजीएम सुनील कुमार ने बताया कि कुछ त्रुटि थी. जिसे दूर कर लिया गया है. शनिवार से आवंटन उपलब्ध करा दिया जायेगा.

दो आंगनबाड़ी सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगा

पाटन प्रखंड के दो आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दोनों पर नियमित केंद्र नहीं खोलने का आरोप है. इस संबंध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनीता कुमारी द्वारा दो दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है. प्रखंड के केल्हार पंचायत के सखुई आंगनबाड़ी केंद्र की नीलम कुमारी से जवाब मांगा गया है.

कहा गया है कि 22 दिसंबर को प्रखंड कार्यालय में प्रखंड 20 सूत्री सदस्य कुसुम देवी द्वारा मामला उठाया गया था. केंद्र के निरीक्षण में तीन-चार बच्चे ही पाये जाने का आरोप लगाया गया था. वहीं सगुनी आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका सोनी देवी पर नियमित केंद्र नहीं खोलने का आरोप लगाया गया था. सगुनी आंगनबाड़ी केंद्र की प्रखंड 20 सूत्री उपाध्यक्ष उमाशंकर सिंह द्वारा जांच की गयी थी. जिसमें नियमित रूप से केंद्र नहीं खोले जाने का मामला सामने आया था.

इसके बाद बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनीता कुमारी द्वारा दोनों सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दो दिन के भीतर जवाब नहीं देने व संतोषप्रद जवाब नहीं देने की स्थिति में उक्त दोनों सेविकाओं के खिलाफ अग्रेतर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी को लिखने की चेतावनी दी गयी है.

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