कोरेंटिन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों ने बदल दी झारखंड के एक स्कूल की सूरत
migrant laborers changed the picture of school during quarantine in palamu district of jharkhand मोहम्मदगंज (पलामू) : कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न संकट के बीच जब देश-दुनिया में चारों ओर नकारात्मक चीजें फैल रही हैं, झारखंड में कुछ अच्छी चीजें देखने को मिल रही हैं. काफी दिनों से बदहाल एक स्कूल की महज तीन दिन में ही सूरत बदल गयी.
मोहम्मदगंज (पलामू) : कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न संकट के बीच जब देश-दुनिया में चारों ओर नकारात्मक चीजें फैल रही हैं, झारखंड में कुछ अच्छी चीजें देखने को मिल रही हैं. काफी दिनों से बदहाल एक स्कूल की महज तीन दिन में ही सूरत बदल गयी.
झारखंड के प्रवासी श्रमिकों ने उस स्कूल की सूरत बदल दी, जिसमें उन्हें कोरेंटाइन किया गया था. पलामू जिला के मोहम्मदगंज में उत्तर कोयल परियोजना स्कूल में 43 मजदूरों को कोरेंटिन में रखा गया था. पलामू के उपायुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि की पहल पर मजदूरों ने समय का सदुपयोग किया और स्कूल की दीवारों का रंग-रोगन करके उसकी तस्वीर ही बदल दी.
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पिछले दिनों उपायुक्त ने इस स्कूल का निरीक्षण किया था. उन्होंने वहां कोरेंटिन में रह रहे लोगों से बात की और उन्हें कुछ दिशा-निर्देश दिये. उपायुक्त के जाने के बाद प्रवासी श्रमिकों ने अपना काम शुरू कर दिया. जिन मजदूरों ने स्कूल को पेंट किया, वे सभी लोग देश के किसी न किसी रेड जोन से यहां आये थे.
इस कोरेंटिन सेंटर के प्रभारी अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को दाल -भात के साथ हरी सब्जी व शाम को पुड़ी, सब्जी व सलाद इन श्रमिकों को परोसा गया. डॉक्टर विनोद कुमार सिंह हर दिन यहां के मजदूरों की स्वास्थ्य जांच करते हैं. अब तक किसी प्रवासी में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे हैं.
इधर, बीडीओ प्रदीप कुमार दास ने बताया कि उपायुक्त के आदेश के बाद मजदूरों में नयी ऊर्जा दिख रही है. रंग-रोगन से विद्यालय का रूप बदल गया है. प्रखंड के चार कोरेंटिन सेंटर में मजदूरों के स्वास्थ्य की स्थिति अब ठीक है. चारों केंद्र में 82 प्रवासियों को रखा गया है. 14 दिन बाद उनकी जांच के बाद ही उन्हें घर भेजा जायेगा. सभी रेड जोन के प्रवासी मजदूर हैं.
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