झारखंड : बंशीधर महोत्सव स्थगित होने को लेकर मंत्री मिथिलेश ठाकुर और बीजेपी विधायक भानु प्रताप आमने-सामने

राजकीय बंशीधर महोत्सव के स्थगित होने को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा. वहीं, राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बीजेपी विधायक पर कई प्रश्न पूछे. मालूम हो कि दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2023 5:06 PM
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पलामू, सैकत चटर्जी : गढ़वा के बंशीधर महोत्सव रोकने के सरकारी फरमान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. भवनाथपुर से बीजेपी के विधायक भानु प्रताप शाही और सरकार के कद्दावर मंत्री मिथिलेश ठाकुर आमने-सामने हैं. विधायक भानु ने सोशल मीडिया पर जमकर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली, वहीं मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक से ही सवाल पूछे.

बंशीधर महोत्सव जल्द शुरू करने की मांग

मालूम हो कि विधायक भानु सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर काफी सक्रिय रहते हैं और उनकी काफी फैन फॉलोअर्स है. ऐसे में उनके फैन विधायक की प्रतिक्रिया को काफी गंभीरता से ले रहे हैं. विधायक के पोस्ट के बाद कई लोग अपने-अपने हैशटैग के साथ बंशीधर महोत्सव जल्द शुरू करने की मांग कर रहे हैं जो ट्रेड हो रहा है. इधर, इस मामले में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बीजेपी विधायक पर ही निशाना साधते हुए कई सवाल पूछे.

क्या है मामला

आठ और नौ अप्रैल, 2023 को श्री बंशीधर नगर में बंशीधर महोत्सव होना तय था. इसको लेकर सांसद विष्णु दयाल राम काफी संजीदगी दिखाते हुए तामझाम के साथ इसकी घोषणा किये थे. उन्होंने मेदिनीनगर सहित अपने चुनावी क्षेत्र में खुद से लोगों के बीच आमंत्रण पत्र वितरण किया था. महोत्सव की सारी तैयारी हो चुकी थी. मंच तक बन गया था. पोस्टर-बैनर से इलाके को पाट दिया गया था. कलाकारों का आगमन होने ही वाला था कि एक दिन पहले राज्य सरकार की ओर से इसे स्थगित करने का फरमान जारी किया गया.

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क्यों किया गया स्थगित

सरकार की तरफ से कहा गया कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनके श्राद्ध कर्म नहीं बीतने तक राज्य में कोई भी खुशी का आयोजन नहीं किया जायेगा. इसी कारण से जन भावनाओं को आहत होने की बात बताते हुए बंशीधर महोत्सव को स्थगित किया गया.

क्यू बिफरे विधायक भानु

सरकार द्वारा महोत्सव स्थगित करने के फरमान के बाद भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही काफी नाराज हो गए. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सवाल उठाया कि जब शोक के समय राज्य में इफ्तार पार्टी का आयोजन कर उसमें सरकार के मंत्री भाग ले सकते हैं, तो बंशीधर महोत्सव जिससे लाखों लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है वो क्यों नहीं हो सकता. विधायक भानु ने सरकार पर एक खास समुदाय के लोगों को खुश करने का आरोप लगाया. इस दौरान अपने पोस्ट के माध्यम से मंत्री मिथिलेश ठाकुर एवं इलाके के पूर्व विधायक पर भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि चूंकि बंशीधर महोत्सव सांसद बीडी राम और उनके प्रयास से शुरू किया गया था. इसलिए इसकी बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर मंत्री और पूर्व विधायक इसे रोकने का प्रयास किया है. जो जनभावना और लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है.

खुद को किया इस आयोजन से अलग

विधायक भानु बंशीधर महोत्सव को रोक दिये जाने पर इतना नाराज हैं कि उन्होंने इससे खुद को अलग करने की बात तक कह डाली. उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति से वे आहत हैं और आगामी दिनों में अपनी साख बचाने के लिए अगर सरकार इस आयोजन को करने की अनुमति देती भी है, तो वे उसमें शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अगर विधायक भानु एक महोत्सव का श्रीगणेश कर सकता है, तो दूसरा भी शुरू करा सकता है. अगर जनता चाहेगी और ईश्वर का आशीर्वाद रहेगा, तो सरकारी सहयोग के बिना ही दूसरा भव्य आयोजन किया जायेगा. उन्होंने साफ कहा कि लाखों लोगों की धार्मिक आस्था और भावनाओं के साथ खिलवाड़ कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. अपने पोस्ट में लिखे गये चंगु मंगू कौन है के सवाल पर उन्होंने कहा कि पब्लिक है ये सब जानती है.

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मंत्री ने पूछा- महोदय आप होते तो क्या करते 

वहीं, जब इस मुद्दे पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर से बात कि गयी, तो उन्होंने कहा कि पहले विधायक भानु प्रताप शाही ये बताये कि भगवान न करे, लेकिन अगर आपके घर में कोई गम का माहौल हो, तो कोई उत्सव करते ? राज्य के मंत्री के निधन पर सरकार द्वारा उत्सव नहीं मानाने का निर्णय बिलकुल सही है और जनता इस निर्णय के साथ खड़ी है. उन्होंने यह कहा कि इफ्तार पार्टी कोई उत्सव नहीं गंगा-जमुनी परंपरा का एक हिस्सा है जिसे उनकी सरकार संविधान के तहत निर्वाह कर रही है. साथ ही कहा कि विधायक भानु खास तबके की राजनीती कर रहे हैं. इसलिए इस तरह की बात कर रहे हैं. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जल्द ही बंशीधर महोत्सव जिसे हेमंत सोरेन की सरकार ने राजकीय उत्सव का दर्जा दिया है को पूरी भव्यता के साथ मनाया जाएगा. 

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