मेदिनीनगर.
शहर में जलापूर्ति योजना सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च किया है. खासकर सुदना, बारालोटा, शाहपुर जलापूर्ति योजना की देखरेख निगम प्रशासन स्वयं करता है. इसकी मॉनिटरिंग के लिए निगम की तकनीकी टीम को लगाया गया है. फिर भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है और केंद्र का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद सुदना जलापूर्ति केंद्र की तकनीकी खराबी दूर नहीं हुई. करीब सात माह से एक मोटर के भरोसे सुदना जलापूर्ति केंद्र संचालित हो रहा था. गुरुवार की देर शाम मोटर में तकनीकी खराबी आ गयी. इस वजह से जलमीनार में पानी नहीं चढ़ाया जा सका और शुक्रवार की सुबह जलापूर्ति नहीं हुई. अॉपरेटर के मुताबिक कुआं से पानी का उठाव कर सीधे जलमीनार में चढ़ाया जा रहा था. इसी क्रम में मोटर से तेज आवाज होने लगा. ऐसी स्थिति में अॉपरेटर ने मोटर बंद कर दिया. जलमीनार में पानी नहीं रहने की वजह से जलापूर्ति नहीं हो सकी. मालूम हो कि इस केंद्र से सुदना के सुखवन टांड़, अघोर आश्रम रोड, पंचवटी नगर, पटेल नगर, आजाद नगर, जगनारायण पथ, राजनगर एवं शांतिपुरी के कुछ हिस्से में जलापूर्ति की जाती है. शुक्रवार को जलापूर्ति नहीं होने से इन मोहल्ले के लोग काफी परेशान रहे. वैसे भी सुदना इलाका ड्राइजोन के रूप में चिह्नित है. यहां के लोग सालोंभर जलापूर्ति पर निर्भर हैं. लोगों का कहना है कि इस केंद्र में फिल्टर की व्यवस्था नहीं है. फिर भी जो पानी मिलता है, उसका उपयोग दैनिक कार्य में किया जाता है. पीने के लिए या तो पानी खरीदना पड़ता है या घर के बोरिंग से काम चलता है. लेकिन जलस्तर नीचे जाने के कारण बोरिंग भी सूख गया है. ऐसी स्थिति में सुदना जलापूर्ति केंद्र एक मात्र सहारा था. लोगों का कहना था कि यदि निगम प्रशासन व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रति गंभीर रहता, तो जलापूर्ति ठप नहीं होती. निगम तकनीकी खराबी दूर कर अविलंब जलापूर्ति शुरू कराये.सात माह से खराब पड़ा है एक मोटर :
सुदना जलापूर्ति केंद्र में दो मोटर लगा है. एक मोटर सात माह पहले खराब हो गया था. इसके बाद दूसरे मोटर से जलापूर्ति शुरू हुुई. लेकिन निगम प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण खराब मोटर की मरम्मत नहीं हो सकी. लोगों का कहना है कि सात माह से खराब मोटर पड़ा हुआ है. कुछ माह पहले नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन, सिटी मैनेजर दिलीप कुमार, पाइप लाइन इंस्पेक्टर छोटेलाल गुप्ता व कनीय अभियंता ने जलापूर्ति केंद्र का निरीक्षण किया था. इस दौरान नगर आयुक्त ने खराब मोटर की मरम्मत कराने के साथ-साथ अन्य तकनीकी खराबी दूर करने का निर्देश दिया था. इसके लिए कनीय अभियंता को स्टीमेट तैयार कर काम पूरा कराने का निर्देश दिया गया था. बताया जाता है कि खराब स्टार्टर की मरम्मत कराकर निगम प्रशासन ने अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली. लेकिन खराब मोटर की मरम्मत नहीं करायी गयी. इतना ही नहीं नगर आयुक्त ने फिल्टर प्लांट को भी दुरुस्त करने का निर्देश दिया था. फिर भी निगम की टीम ने नगर आयुक्त के आदेशों का पालन नहीं किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है