व्यस्त सड़क को संकरी कर ग्रीन जोन बनाने में जुटा है नगर निगम
निगम प्रशासन के द्वारा शहर के सुभाष चौक से लेकर कोऑपरेटिव मोड़ तक ग्रीन जोन बनाया जा रहा है.
मेदिनीनगर. प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर शहर के गांधी मैदान एवं बड़ा तालाब का अतिक्रमण कर पार्क और कोयल नदी में मरीन ड्राइव का निर्माण निगम प्रशासन के द्वारा कराया गया. इसके बाद अब नगर निगम सड़क का अतिक्रमण कर ग्रीन जोन बनाने में जुटा है. इस तरह नगर निगम प्रशासन श्रीरामचरित मानस के इस चौपाई …पर उपदेश कुशल बहुतेरे ” का अनुसरण करते हुए दूसरे लोगों को सड़क, नाली, जलस्रोत एवं सरकारी भूमि का अतिक्रमण नहीं करने की सीख दे रही है. लेकिन दूसरों को सीख देने में लगा निगम प्रशासन स्वयं सड़क, जलस्रोत का अतिक्रमण करने में जुटा है. फिलहाल निगम प्रशासन के द्वारा शहर के सुभाष चौक से लेकर कोऑपरेटिव मोड़ तक ग्रीन जोन बनाया जा रहा है. इसके निर्माण पर करीब 67 लाख रुपये खर्च होंगे. ग्रीन जोन बनाने के लिए निगम प्रशासन के द्वारा इस मार्ग की करीब 15 फीट चौड़ी सड़क की जमीन का अतिक्रमण किया गया है. ग्रीन जोन बनाने का काम शुरू कर दिया है और पेवर ब्लॉक लगाया जा रहा है. मालूम हो कि शहर के व्यस्ततम मार्गों में से यह एक प्रमुख रास्ता है. इस मार्ग पर हमेशा वाहनों का परिचालन होता है और काफी संख्या में लोग पैदल यात्रा भी करते हैं. इसी मार्ग पर योध सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय एवं मुख्यमंत्री उत्कृष्ट बालिका प्लस टू विद्यालय ( केजी स्कूल ) है. इन दोनों स्कूल कॉलेज में सैकड़ों की संख्या में छात्राएं पढ़ती हैं. उन छात्राओं का आना-जाना इसी मार्ग से होता है. शहर के नावाटोली, बेलवाटिका के अलावा चैनपुर व रामगढ़ प्रखंड क्षेत्र के हजारों लोग प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरते हैं. इसी मार्ग से अधिकांश लोग कचहरी, स्टेशन और रेड़मा चौक की ओर जाते हैं. इस मार्ग पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. इस व्यस्ततम मार्ग की 15 फीट चौड़ी जमीन का अतिक्रमण कर ग्रीन जोन बनाना आम आदमी की समझ से बाहर है. सड़क का अतिक्रमण कर ग्रीन जोन बनाने के कार्य को लोगों ने अनुचित बताया. लोगों का कहना है कि ग्रीन जोन बन जाने के बाद इस मार्ग पर आवागमन में परेशानी होगी और हमेशा जाम की समस्या बनी रहेगी. शहर को जाम से मुक्त कराने को लेकर निगम प्रशासन सड़क व नाली से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही है. वही दूसरी तरफ केजी स्कूल रोड में सड़क का स्वयं अतिक्रमण कर निगम प्रशासन सड़क जाम की समस्या को विकट बनाने में जुटी है. निगम प्रशासन का यह दोहरी नीति किसी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. इस निर्माण का लोगों ने विरोध किया है.
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