पलामू में झमाझम बारिश के साथ सजी सुरों की महफिल, केडिया और राम – श्याम बंधुओं ने बांधा समां
पलामू के मेदिनीनगर में म्यूजिक फॉर पीस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सुर संगम कला केंद्र द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यहां सुरों की महफिल सजी और श्रोताओं ने संगीत का खूब आनंद उठाया.
पलामू, सैकत चटर्जी : पलामू के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में शनिवार की शाम सुर, ताल और लय की महफिल सजाई गई. केडिया बंधु और राम – श्याम बंधुओं ने अपनी -अपनी प्रस्तुतियों से शमां बांध दी. देर रात तक झमाझम बारिश के बीच श्रोता भी डटे रहे और संगीत का आनंद उठाया.
सुर संगम कला केंद्र द्वारा आयोजित किया गया था कार्यक्रमशहर के बैरिया चौक के पास चंद्रा रेसिडेंसी में सुर संगम कला केंद्र द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यकम का नाम म्यूजिक फॉर पीस था. इसका उदघाटन मेदिनीनगर की प्रथम मेयर अरुणा शंकर, एसडीओ राजेश कुमार साह, लातेहार के डीएसपी संतोष कुमार मिश्रा, पीटीआर के उपनिदेशक प्रजेश कांत जेना, शिक्षाविद प्रो सुभाष चन्द्र मिश्रा, युवा नेता दिलीप सिंह नामधारी, अविनाश देव, अविनाश वर्मा, ट्विंकल गुप्ता, सुमन मिश्रा, शिशिर शुक्ला आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
म्यूजिक फॉर पिस कार्यक्रम की शुरुआत राम किशोर पांडेय व श्याम किशोर पांडेय द्वारा सजाई गई सुरों की महफिल से हुई. इन दोनों भाइयों की जोड़ी ने मंच सम्हालते हुए अब जाने की जिद न करो. ऐसी लागी लगन, अच्युतम केशवम, इस तरह मुहब्बत की शुरुआत कीजिए, चांदी जैसा रंग है तेरा, श्याम तेरी बंशी जैसी गीत, गजल और भजन पेश किया.
केडिया बंधु की जुगलबंदी सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोतागिरिडीह के रहने वाले झारखंड के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार पंडित मोर मुकुट केडिया व मनोज केडिया के सरोद – सितार की जुगलबंदी सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये. दोनों केडिया भाईयों ने एक से बढ़कर एक लयकारी, द्रुत – विलम्वित युगलबंदी, झारखंडी धुन, संगीत के पुराने नए चलन आदि पेश कर सभी को प्रभावित किया.
तबला वादक राजेश मिश्रा व रूपक मित्रा ने किया कमाल का संगतपूरे कार्यक्रम में राम – श्याम बंधु के साथ बनारस से आए तबला वादक राजेश मिश्रा व केडिया बंधु के साथ कोलकाता से आए तबला वादक रूपक मित्रा ने कमाल की संगत की. इनकी लयकारी और सम गिराने की कला की सभी श्रोताओं ने दाद दी. मूर्धन्य कलाकार किशन जी महाराज राजेश मिश्रा के नाना व गिरजा देवी उनके बुआ लगते है. अन्य संगत कलाकारों में राजा सिन्हा, मोहम्मद फिरोज शामिल थे. रमेश कुमार पाठक हरमोनियम पर व गिरिडीह के तबला वादक मिथिलेश सिंह ने भी जुगलबंदी पेश की. प्रीति कुमारी और शालिनी वैद्य कोरस में शामिल थी.
अब हर तीन माह पर कार्यक्रम की घोषणाअब से हर तीन माह पर और संगम कला केंद्र द्वारा संगीत के कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. ऐसी घोषणा की गई. इन कार्यक्रमों में एक कलाकर जिले के बाहर के होंगे व एक कलाकार शहर के होंगे. आयोजकों का मानना है कि ऐसे में शहर में एक कलात्मक माहौल बनेगा.
सम्मानित किए गए सुदर्शन मिश्रा, याद किए गए राजाराम मिश्राकार्यक्रम के दौरान गढ़वा निवासी वरीय संगित्यज्ञ पंडित सुदर्शन मिश्रा को सुर संगम कला केंद्र द्वारा सम्मानित किया गया. उन्हें संगीत के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया. साथ ही रमेश कुमार पाठक को कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया. इस दौरान स्वर्गीय पंडित राजाराम मिश्रा को भी याद कर श्रद्धांजलि दी गई. जिनका निधन कुछ माह पहले ही हुआ था.
ये रहे सहयोगीकार्यक्रम को सफल बनाने में विनायक शर्मा, अभय पांडेय, सुमन मिश्रा, एनामुल हक, पवन शर्मा, कामेश्वर सिंह, चंदन देव, प्रीति कुमारी, मुनमुन चक्रवर्ती, मनीषा सिंह, मुकेश विश्वकर्मा आदि का सराहनीय योगदान रहा. कार्यक्रम का संचालन शालिनी श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन सुर संगम कला केंद्र के संस्थापक आशुतोष पांडेय ने की.