आनंद मोहन, रांची : निर्दलीय विधायक सरयू राय ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपक प्रकाश को वोट देने की घोषणा की है़ श्री राय ने दो वोट देने की बात कही है़ उन्होंने कहा कि मेरा पहला वोट दीपक प्रकाश को होगा़ इधर श्री राय ने प्रभात खबर से बातचीत में सभी पहलुओं को साफ किया़ उन्होंने दो टूक कहा : मेरी विचारधारा वही है, जिसे मैंने आठवीं से पढ़ा है़ उसी धारा का आज भी हू़ं गांधी, दीनदयाल और जयप्रकाश के विचारों के साथ आगे बढ़ा हू़ं इन विचारों और संगठनों का अहित नहीं होने दूंगा.
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कुछ लोगों के कारण भाजपा से दूरी बढ़ी
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जयप्रकाश जी के आंदोलन के समय से जिन मुद्दों के साथ बढ़ा, उससे आज भी बंधा हू़ं
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अब किसी पार्टी में बिना रहे, निरपेक्ष भाव से काम करूंगा
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वर्तमान सरकार भी जनहित के विपरीत कुछ करेगी, तो बोलूंगा, ध्यान दिलाऊंगा़
श्री राय ने कहा कि कुछ लोगों के कारण परिस्थितियां ऐसी बनी कि भाजपा से अलग होना पड़ा, लेकिन विचारधारा से तो जुड़ा हू़ं ऐसा नहीं है, इससे संगठन का भी अहित हुआ़ भाजपा चुनाव हार गयी़ उन्होंने कहा कि एक बड़े व्यक्ति ने कहा था : आरएसएस का मतलब स्वयंसेवक भाव है़ इसमें तीन तरह के लोग है़ं एक तो जो संघ में नहीं हैं और स्वयं सेवक हैं, इसमें विवेकानंद जैसे लोग है़ं दूसरे वैसे लोग जो संघ में तो हैं, पर स्वयंसेवक भाव नहीं है़ तीसरे लोग हैं, जो संघ में हैं और स्वयं सेवक भाव रखते है़ं राज्यसभा घटनाभर है, मैं एजेंडों को उठाता रहूंगाबातचीत के क्रम में श्री राय ने कहा कि दीपक प्रकाश को वोट राज्यसभा की एक घटना भर है़ निर्दलीय की भूमिका में हू़ं इसे इंज्वाय भी कर रहा हू़ं मैं राजनीति में जिन एजेंडों पर काम करता हू़ं सुशासन की बात करता हूं, उन एजेंडों को उठाता रहूंगा़
जयप्रकाश जी के आंदोलन के समय से जिन मुद्दों के साथ बढ़ा, उससे आज भी बंधा हू़ं अब किसी पार्टी में बिना रहे, निरपेक्ष भाव से काम करूंगा़ पार्टी में बंधने से कुछ परेशानी होती है़ वर्तमान सरकार भी जनहित के विपरीत कुछ करेगी, तो बोलूंगा, ध्यान दिलाऊंगा़ कांग्रेस की अप्रत्यक्ष भूमिका रही, दीपक-निशिकांत पुराने सहयोगीदीपक प्रकाश को वोट देने की बाबत श्री राय ने कहा कि इसमें कांग्रेस की भी अप्रत्यक्ष भूमिका रही़
एक किस्म से कंफ्यूजन था़ उन अटकलों को मैंने विराम देने का काम किया़ कांग्रेस के लोग मुझसे संपर्क कर रहे थे़ विधायक संपर्क कर रहे थे़ किसी तरह का भ्रम ना रह जाये, इसलिए मैंने दीपक प्रकाश को वोट देने का फैसला किया़ दीपक प्रकाश और निशिकांत दुबे हमारे पुराने सहयोगी- परिचित रहे हैं. इनके साथ लंबे वर्षों तक काम किया है़