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नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : शिक्षा व चरित्र पर क्या बोले झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस

पलामू के नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने यूजी और पीजी के 91 विद्यार्थियों को डिग्री व गोल्ड मेडल दिया. 13 पीएचडी धारकों को उपाधि दी. इस मौके पर उन्होंने 91 विद्यार्थियों को डिग्री व गोल्ड मेडल तथा 13 पीएचडी विद्यार्थियों को उपाधि दी.

Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने पलामू जिले के मेदिनीनगर स्थित नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी जरूरी है. विद्यार्थी शिक्षण संस्थानों की पूंजी व ब्रांड एंबेसडर होते हैं. उनमें चेतना जागृत करने व संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास कर आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. विश्वविद्यालयों को अपने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना होगा. शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण आवश्यक है. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की जरूरत है. बेटियां उच्च शिक्षा में बेहतर कर रही हैं. यह काफी खुशी की बात है. इस मौके पर उन्होंने 91 विद्यार्थियों को डिग्री व गोल्ड मेडल तथा 13 पीएचडी विद्यार्थियों को उपाधि दी.

विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर बनायी है अपनी पहचान

झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस का नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामलखन सिंह ने स्वागत किया. संचालन कुलसचिव डॉ राकेश कुमार ने किया. कुलाधिपति श्री बैस ने कहा कि यहां के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायी है. उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सदा क्रियाशील रहना चाहिए. शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है. यह विश्वविद्यालय को सुनिश्चित करना होगा. शिक्षा राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र का सशक्त साधन है. जो भी विद्यार्थी शोध कर रहे हैं. उसमें इनोवेटिव आइडिया दिखना चाहिये, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके. विद्यार्थी अपनी रचनात्मक क्षमता से किसी भी आपदा का सामना कर सकते हैं.

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युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए करें प्रेरित

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि देश की बेटियां हरेक क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं. भारत युवाओं का देश है. हमारा दायित्व सिर्फ डिग्रियां बांटने तक ही नहीं रहना चाहिये. उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिये. राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय ने स्थापना काल से अभी तक कई उल्लेखनीय काम किया है. विश्वविद्यालय की स्थापना होने से उच्च शिक्षा का भी विस्तार हुआ है. इस विश्वविद्यालय में सिर्फ यूजी व पीजी की पढ़ाई ही नहीं, बल्कि फार्मेसी, मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे विषयों की भी पढ़ाई हो रही है. स्वतंत्रता सेनानी नीलांबर-पीतांबर के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है. उनके महान व्यक्तित्व, कर्तव्य और निष्ठा से हमलोगों को सीख लेनी चाहिए.

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91 को डिग्री व गोल्ड मेडल, 13 पीएचडी विद्यार्थियों को दी उपाधि

नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने यूजी और पीजी के 91 विद्यार्थियों को डिग्री व गोल्ड मेडल दिया. 13 पीएचडी धारकों को उपाधि दी. शहीद लेफ्टिनेंट अनुराग शुक्ला सत्र 2017 बैच के पीजी के छात्र के रूप में इकोनॉमिक्स के पीजी के टॉपर रहे थे. उनके माता-पिता को मेडल देकर सम्मानित किया गया. राज्यपाल रमेश बैस ने समारोह में स्मारिका का विमोचन किया. कुलगीत के ऑथर प्रो प्रभाकर सिंह व कुलगीत के कंपोजर डॉ अंबरीश चंचल को सम्मानित किया गया. मौके पर पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी, उपायुक्त ए दोड्डे, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, उपविकास आयुक्त मेघा भारद्वाज, प्रतिकुलपति दीप नारायण यादव, अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, कुलसचिव डॉ राकेश कुमार, सीसीडीसी डॉ एके पांडेय, विनोद कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी, विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थीगण उपस्थित थे.

रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह, मेदिनीनगर, पलामू

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