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Palamu News: एकरारनामा खत्म, फिर भी यूनिवर्सिटी ने सवा 2 करोड़ के भुगतान की फाइल बढ़ायी, जानें पूरा मामला

29 जुलाई 2022 की 25वीं अंतरिम वित्त समिति की बैठक में यह पारित किया गया था कि एनसीसीएफ आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा एकरारनामा की अवधि के बाहर किये गये कार्यों का प्रशासनिक आदेश नहीं है. एकरारनामा समाप्त हो चुका है.

Palamu News: नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के लिए एनसीसीएफ कंपनी से एकरारनामा किया गया था. इसकी तिथि एक वर्ष पूर्व समाप्त हो चुकी है. कुलपति डॉ राम लखन सिंह की अध्यक्षता में 29 जून को क्रय-विक्रय समिति की बैठक में एकरारनामा समाप्त करने का निर्णय लिया गया था. विश्वविद्यालय द्वारा 29 जुलाई की अंतरिम वित्त समिति की बैठक में भी एकरारनामा समाप्त कर दिया गया. अवधि विस्तार नहीं दिया गया. अब एकरारनामा समाप्त होने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से सवा दो करोड़ के भुगतान के लिए फाइल बढ़ायी गयी है. फाइल परीक्षा विभाग से होकर वित्त पदाधिकारी के पास पहुंची है.

जानकारी के अनुसार, तीन जनवरी 2023 को परीक्षा समिति की बैठक कर एनसीसीएफ का एकरारनामा खत्म होने के समय से एक साल तक बिना टेंडर कराये ही विस्तार किया गया है, जो नियम विरुद्ध है. 29 जून को वीसी की अध्यक्षता में क्रय-विक्रय समिति की बैठक के प्रस्ताव संख्या नौ में इस बात का जिक्र किया गया है कि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय अंतर्गत परीक्षा विभाग के सभी कार्यों के लिये नये सिरे से टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. बैठक में वित्त पदाधिकारी द्वारा सदस्यों को अवगत कराया गया था कि वर्तमान में कार्यरत एजेंसी एनसीसीएफ का कार्य संतोषप्रद नहीं है. इसलिए इस कार्य के लिए पुन: टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी.

25वीं अंतरिम वित्त समिति की बैठक में लिया गया था निर्णय

29 जुलाई 2022 की 25वीं अंतरिम वित्त समिति की बैठक के संकल्प संख्या 14/2022 में यह पारित किया गया था कि एनसीसीएफ आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा एकरारनामा की अवधि के बाहर किये गये कार्यों का प्रशासनिक आदेश नहीं है. एकरारनामा समाप्त हो चुका है. समिति के सदस्यों द्वारा निर्णय लिया गया था कि इस कार्य के लिए सक्षम अधिकारी से 15 लाख 19 हजार 328 रुपये के भुगतान के लिये घटनोत्तर स्वीकृति प्राप्त की जाये. इस कार्य के लिए परीक्षा नियंत्रक को अधिकृत किया गया था. समिति ने यह भी निर्णय लिया था कि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जाये. वर्तमान परीक्षा नियंत्रक को निर्देशित किया जाये कि भविष्य में इस तरह की दूसरी बार गलती ना हो.

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इसके बावजूद अभी एनसीसीएफ के सवा दो करोड़ के भुगतान के लिए फाइल बढ़ा दी गयी है. जबकि एनसीसीएफ कंपनी के कारण विश्वविद्यालय को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा है. परीक्षा परिणाम का सही समय पर प्रकाशन नहीं करने के कारण छात्रों द्वारा हमेशा आंदोलन किया जाता रहा है. क्योंकि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई महाविद्यालय के बच्चों के रिजल्ट प्रकाशन में कई तरह की त्रुटियां होती है. जिसके कारण विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मियों को कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है. इसके बाद भी विश्वविद्यालय एनसीसीएफ कंपनी को अवधि विस्तार देने में रुचि क्यों दिखा रहा है, यह समझ से परे है.

परीक्षा कार्य के लिए छात्रों से 1200 रुपये लेती है कंपनी

एनसीसीएफ कंपनी प्रत्येक छात्र से प्रत्येक बार परीक्षा के लिए 186 रुपये लेती है. सभी सेमेस्टर मिलाकर एनसीसीएफ छात्रों से करीब 12 सौ रुपये लेती है. इसके बाद भी निर्धारित समय पर रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर पाती है. काम में भी पूरी पारदर्शिता नजर नहीं आती है. जिसके कारण छात्र आंदोलित रहते हैं. एनसीसीएफ कंपनी का काम छात्रों को परीक्षा के लिए कॉपी देना, मार्कशीट तैयार करना, सर्टिफिकेट, एडमिट कार्ड, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, पासिंग सर्टिफिकेट देना है.

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