नीलगाय का बढ़ा आतंक, खेती चौपट, किसान परेशान

नीलगाय के आतंक से कई गांवों में खेती चौपट हाे गयी है. इस वजह से पड़वा प्रखंड सहित जिले के अन्य प्रखंडों के किसान परेशान हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2025 8:36 PM
an image

पड़वा. पलामू के किसान कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. एक तरफ कम बारिश होने के कारण खेती प्रभावित होती है, वहीं दूसरी तरफ नीलगाय के आतंक से कई गांवों में खेती चौपट हाे गयी है. इस वजह से पड़वा प्रखंड सहित जिले के अन्य प्रखंडों के किसान परेशान हैं. स्थिति यह है कि नीलगाय झुंड बना कर गांव में ही जमे रहते हैं और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. यह स्थिति पिछले दो-तीन साल से है. नीलगाय के आतंक से परेशान किसानों ने अब खेती कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. जिन किसानों के पास खेती व सिंचाई का संसाधन है वे चाह कर भी खेती नहीं कर पा रहे हैं. पड़वा प्रखंड के गोल्हना, बटसारा, कजरी, गांड़ीखास, लोहड़ा, सखुई, पाल्हेखूर्द, कठौतिया, सिक्का, गड़ेरियाडीह सहित दर्जनों गांव में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हैं. बरसात में बारिश होने पर किसान धान व अरहर की खेती किये थे. लेकिन अब उन्हें रबी फसल लगाने की हिम्मत नहीं है. किसानों का कहना है कि नीलगाय खास कर गेहूं व दलहन फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. शुरुआती दौर में नीलगाय अरहर को नुकसान नहीं पहुंचा रही थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से अरहर की खेती को भी नुकसान पहुंचा रही हैं. इससे परेशान किसान दलहन के अलावा गेहूं व सरसों की खेती करना ही छोड़ दिये. कुछ किसानों के द्वारा सब्जी लगायी गयी है, उसे बचाने के लिए किसान दिन रात रखवाली करते हैं. प्रभावित कजरी के जगत प्रसाद सिंह, रणधीर सिंह, गोल्डी सिंह, संजय सिंह, गोल्हना के अभय दुबे, गाड़ीखास के बिहारी महतो, सखुआ के संत कुमार तिवारी, पाल्हे खूर्द के भोला शुक्ला, योगेंद्र शुक्ला, कठौतिया के बाबूलाल सिंह, वीरेंद्र साव ने बताया कि किसानों की इस परेशानी को कोई समझने वाला नहीं है. नीलगाय के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए वन विभाग भी कोई कदम नहीं उठा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version