.नावा बाजार में नीलगाय का आतंक, गेहूं की फसल को किया बर्बाद
प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों नीलगायों का उत्पात चरम पर है. रात के अंधेरे की बात तो दूर, दिन के उजाले में भी नीलगायों का झुंड खेतों में पहुंच कर खेतों में लगी फसलों पर तांडव मचा रहा है.
नावा बाजार. प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों नीलगायों का उत्पात चरम पर है. रात के अंधेरे की बात तो दूर, दिन के उजाले में भी नीलगायों का झुंड खेतों में पहुंच कर खेतों में लगी फसलों पर तांडव मचा रहा है. खेतों में लगी फसल को जंगली नीलगाय बर्बाद कर रहे हैं. इससे किसानों में मायूसी छाई हुई है. इस मामले में वन विभाग मौन साधे हुए हैं. किसानों के द्वारा खेतों में गर्मा फसल बड़े ही उत्साह के साथ लगायी गयी है. लेकिन नीलगायों के उत्पात ने किसानों के उत्साह को फीका कर दिया है. नावा बाजार प्रखंड के कंडा गांव निवासी गिरजा चंद्रवंशी के तीन एकड़ खेत में लगी गेहूं की फसल को नीलगायों ने बर्बाद कर दिया. वन विभाग से मुआवजा को लेकर मांग की है. इतना ही नहीं प्रखंड क्षेत्र के दमारो, ब्रहमोरिया , चेचरिया, तुकबेरा, सरौना, बाना, रबदा, इटको, रजदिरिया, कोरटा गांव के सैकड़ों किसानों ने वन विभाग के पदाधिकारी से नीलगाय पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. जिन किसानों की खेती की क्षति हो रही है, उन्होंने मुआवजा की भी मांग की है. वहीं राम गोविंद यादव, राकेश महतो, मोहन महतो, बद्री महतो, दयाल महतो आदि ने बताया कि खेतों में सिंचाई की व्यवस्था कर गरमा फसल सहित साग सब्जी बीज खेतों में डाली गयी है. जिस पर नील गायों की नजर लग गयी है. नील गाय के झुंड पूरे खेत में लगी फसल सहित साग-सब्जी को तहस-नहस कर दे रहे हैं. फसल को बचाने के लिए किसान रात में अपने घरों में न सोकर खेतों में पहरेदारी करते फिर रहे हैं. रात में नीलगायों का झुंड खेतों में उतर रहा है, जिसे भगाने का किसानों की ओर से प्रयास किया जा रहा है. लेकिन नीलगायों का झुंड को देख लोग भयभीत हो रहे हैं. नील गायों के आतंक से अब किसान परेशान हैं. शिकायत के बाद भी वन विभाग के द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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