लातेहार: राज्य की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने महुआडांड़ प्रखंड के सोहरपाठ निवासी इंद्रजीत कुमार कंवर (24 वर्षीय) की जान ले ली. इंद्रजीत और उसके पिता समेत गांव के चार लोगों को एक कुत्ते ने काट लिया था. लेकिन समय पर एंटी-रेबीज इंजेक्शन नहीं मिला, जिसकी वजह से इंद्रजीत हाइड्रोफोबिया का शिकार हो गया और शनिवार रात उसकी मौत हो गयी. वहीं, कुत्ते के काटने से घायल अन्य तीन लोग दहशत में हैं. जानकारी के अनुसार 22 मार्च को इंद्रजीत, उसके पिता रामनाथ कंवर, गांव के ही सेवेंद्र कंवर (18) और रूपेंद्र (12) को एक कुत्ते ने काट लिया था.
इंद्रजीत के पिता ने बताया कि वे 23 मार्च को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लेने के लिए महुआडांड़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गये थे. केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि एंटी-रेबीज का इंजेक्शन नहीं है. इसलिए उन्हें गुमला के डुमरी प्रखंड जाना होगा. पैसों की तंगी और लॉकडाउन की वजह से वे डुमरी नहीं जा सके और पड़ोस के गांव जाकर जड़ी-बूटी और झाड़-फूंक से इलाज कराया. 45 दिनों के बाद तीन लोगों को छोड़ कर इंद्रजीत में रेबीज संक्रमण (हाइड्रोफोबिया) के लक्षण दिखने लगे. जब डॉक्टरों को दिखाया, तो उन्होंने बताया कि इंद्रजीत के शरीर में रेबीज का संक्रमण फैल चुका है.
सात मई को उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से उसे एंबुलेंस से लातेहार सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजनों ने बताया कि सदर अस्पताल से उसे रिम्स, रांची और रांची से कोलकाता रेफर कर दिया गया. रामनाथ कंवर ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपने बेटे को कोलकाता ले जा सकें. थक-हार वे आठ मई को घर लौट गये. नौ मई को उसकी मौत हो गयी.