झारखंड: पलामू की अदालत ने हत्या के दोषी पति-पत्नी को सुनायी उम्रकैद की सजा, 25-25 हजार रुपये जुर्माना

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार चाचा और चाची के द्वारा खेत में ले जाकर सूचके के पिता का हाथ-पैर बांध दिया गया था और कुल्हाड़ी से कई वार आरोपियों के द्वारा किया गया था. इसके कारण सूचक के पिता शंकर घासी काफी जख्मी हो गए थे, जिनका इलाज सदर अस्पताल में चला और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

By Guru Swarup Mishra | October 6, 2023 7:34 PM
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मेदिनीनगर(पलामू), प्रकाश रंजन: पलामू जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) अभिमन्यु कुमार की अदालत ने शुक्रवार को हत्या के एक मामले में आरोपी पति-पत्नी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में आरोपी निवासी ग्राम तिलो, थाना मनातू के रामचंद्र घासी तथा फुलमतिया देवी को आजीवन कारावास की सजा के साथ 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक-एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. आदेश में प्राप्त अर्थदंड की राशि का 80 फीसदी मामले में पीड़ित परिवार को दिए जाने का आदेश दिया है. आरोप है कि 14 जनवरी 2019 को आरोपी चाचा और चाची अपने पुत्र के साथ उसके घर के आंगन में घुसकर पत्थर चलाने लगे और उसके पिता के साथ मारपीट करने लगे. उसके चाचा और चाची के द्वारा खेत में ले जाकर उसके पिता का हाथ-पैर बांध दिया गया था और कुल्हाड़ी से कई वार किए गए थे. इसमें उसके पिता काफी जख्मी हो गए थे. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी.

क्या है मामला

मृतक शंकर घासी के पुत्र व सूचक अजय कुमार के द्वारा 14 जनवरी 2019 को पलामू जिले के मनातू थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. दर्ज प्राथमिक में आरोप लगाया गया था कि 13 जनवरी 2019 को शाम में उसके पिता शंकर घासी (मृतक) के द्वारा पुआल का गुच्छा बगल घर में उसके चाचा के छप्पर पर रख दिया गया था. इसी बात से उसके नाराज चाचा और चाची के द्वारा उसके पिता के साथ गाली-गलौज की गयी थी और मारपीट भी की गयी थी.

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हाथ-पैर बांधकर कुल्हाड़ी से किए थे कई वार

आरोप है कि 14 जनवरी 2019 को सुबह 6:00 बजे आरोपी चाचा और चाची अपने पुत्र के साथ उसके घर के आंगन में घुसकर पत्थर चलाने लगे और उसके पिता के साथ मारपीट करने लगे. उसके चाचा और चाची के द्वारा खेत में ले जाकर उसके पिता का हाथ पैर बांध दिया गया तथा कुल्हाड़ी से कई वार आरोपियों के द्वारा किया गया. इसके कारण सूचक के पिता शंकर घासी काफी जख्मी हो गए थे. जिनका इलाज सदर अस्पताल में चला और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. न्यायालय द्वारा दर्ज प्राथमिकी, पुलिस अनुसंधान, मेडिकल रिपोर्ट, गवाहों की गवाही के आधार पर दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास एवं अर्थ दंड की सजा सुनाई गयी.

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