Jharkhand News: मनरेगा कार्य में गड़बड़ी करने पर सख्त दिखे पलामू डीसी, BPO समेत कई अधिकारी पर गिरी गाज
पलामू की हिसरा बरवाडीह पंचायत में संचालित मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर डीसी आंजनेयुलू दोड्डे ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने रोजगार सेवक समेत असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर एवं बीपीओ का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया. वहीं, पंचायत सचिव को सस्पेंड करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है.
Jharkhand News: पलामू जिला अंतर्गत पाटन प्रखंड की हिसरा बरवाडीह पंचायत में संचालित मनरेगा कार्य में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ डीसी आंजनेयुलू दोड्डे ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने मनरेगा नियम के विरुद्ध कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सेवक सत्येंद्र कुमार, जूनियर इंजीनियर गंगा पासवान, असिस्टेंट इंजीनियर अमरेंद्र कुमार एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल का कॉन्ट्रैक्ट तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया. साथ ही पंचायत सचिव अभिषेक कुमार को निलंबित करते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को दिया है.
क्या है मामला
मनरेगा आयुक्त के निर्देश के आलोक में प्रति पंचायत पांच पशु शेड की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाना था, लेकिन हिसरा बरवाडीह पंचायत में बीपीओ ने 401 पशु शेड की योजना को स्वीकृति दी. इस संबंध में डीसी श्री दोड्डे को कई माध्यमों से शिकायत मिली थी. इसको लेकर डीसी ट्रेनी आईएएस अधिकारी से पूरे मामले की जांच करायी. इस जांच में बीपीओ के खिलाफ सभी आरोप सही पाये गये. इसके बाद डीसी ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल का कॉन्ट्रैक्ट तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया.
पंचायती राज विभाग को मुखिया की वित्त शक्ति जब्त करने को लेकर भेजा गया प्रस्ताव
जांच के क्रम में पाया गया कि हिसरा बरवाडीह पंचायत में उक्त सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ग्राम पंचायत स्तर से किया जा रहा है तथा सभी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मुखिया द्वारा प्रदान की गयी है. साथ ही द्वितीय हस्ताक्षरी के रूप में राशि का भुगतान के लिए भी ये सीधे जवाबदेह हैं. इसके बाद पाटन थाना में मुखिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
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मनरेगा राशि की अनियमितता करने वालों से राशि वसूलने की तैयारी
डीसी ने पाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज तिवारी को हिसरा बरवाडीह पंचायत अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत/कार्यान्वित कुल 401 पशु शेड की सभी योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर 15 दिनों के भीतर योग्य तथा अयोग्य लाभुकों को चिह्नित करने के बाद मनरेगा कोषांग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है, ताकि अयोग्य पाये गये लाभुकों के पशु शेड की योजना को रद्द किया जा सके. साथ ही अयोग्य पाये गये लाभुकों को किया गया गलत भुगतान की राशि की वसूली दोषी कर्मियों से की जा सके.