केरल में झारखंड के तीन मजदूरों की हत्या, कोरेंटिन में टहल रहे थे बाहर, टोका तो बढ़ा विवाद, लोगों ने मार डाला
पांडू (मुकेश सिंह) : झारखंड के पलामू जिले के पांडू के तीन मजदूरों की केरल में हत्या कर दी गयी है. बताया जाता है कि केरल में वे कोरेंटिन थे. इसी दौरान वे टहलने के लिए बाहर निकले थे. इन्हें स्थानीय लोगों ने टोका. विवाद होने पर इनकी हत्या कर दी गयी. लॉकडाउन में वे पलामू अपने गांव लौटे थे. इसके बाद अनलॉक होने पर वे फिर केरल लौट गये थे. विश्रामपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरजीत कुमार ने कहा की मामले की जानकारी ली जा रही है.
पांडू (अविनाश) : पलामू जिले के पांडू के तीन मजदूरों की केरल में हत्या कर दी गयी है. बताया जाता है कि केरल में वे कोरेंटिन थे. इसी दौरान वे टहलने के लिए बाहर निकले थे. इन्हें स्थानीय लोगों ने टोका. विवाद होने पर इनकी हत्या कर दी गयी. लॉकडाउन में वे पलामू अपने गांव लौटे थे. इसके बाद अनलॉक होने पर वे फिर केरल लौट गये थे.
जानकारी के अनुसार करीब बीस दिनों पहले पांडू के भटवलिया गांव के कन्हाई विश्वकर्मा (20), महुगांवा के अरविंद राम (22), हरिओम (20) काम करने केरल गये थे. बताया जाता है कि तीनों युवक फिलहाल केरल के एक कोरेंटिन सेंटर में थे. सोमवार की शाम तीनों सेंटर से टहलने निकल गये. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने उनलोगों को टोका. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया और विवाद में तीनों की हत्या कर दी गयी.
बताया जा रहा है कि तीनों युवक पहले भी बाहर काम करते थे .लॉकडाउन के बाद वे लोग वापस अपने गांव लौटे थे. लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो वे लोग फिर से वापस केरल चले गये थे. परिजनों ने बताया कि अनलॉक के दौरान जब वाहन का परिचालन नहीं हो रहा था, तब पांडू के गुआसरई गांव का ठेकेदार अर्जुन यादव गाड़ी की व्यवस्था कर उनलोगों को केरल भेजा था क्योंकि जहां वे लोग काम करते थे उस कंपनी में काम शुरू हो गया था और बार-बार वहां से मजदूरों का बुलावा आ रहा था.
परिजन बताते हैं कि पलामू में अपने गांव लौटने पर उन्हें कोई काम नहीं मिल पा रहा था. इस कारण भी वे केरल लौट गये. मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान पलामू में 50 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग फिर महानगरों की ओर काम के लिए वापस लौटने लगे हैं. इन तीनों मजदूरों का शव अभी पलामू नहीं लाया जा सका है.
Posted By : Guru Swarup Mishra