चक्रवात मिचौंग का पलामू जिले में दूसरे दिन भी असर दिखा. लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. मंगलवार को पूरे दिन बारिश के बाद रात में कुछ देर के लिए बारिश थमी, तो लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन गुरुवार की अहले सुबह से फिर बारिश शुरू हो गयी अौर पूरे दिन मौसम का मिजाज बदला रहा. ठंड व बारिश के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे. जरूरी होने पर ही बाहर निकले. दैनिक मजदूरों को भी घर में ही रहना पड़ा. अधिकांश कार्य ठप दिखे. विद्यालयों में उपस्थिति कम रही. भीड़भाड़ वाले इलाके में भी लोगों का जमावड़ा कम दिखा. चक्रवात का असर असर वैवाहिक कार्यक्रमों पर भी पड़ा. लोगों को वैवाहिक कार्य करने में काफी परेशानी उठानी पड़ी. कई मेहमान गंतव्य तक नहीं पहुंच सके. शादी-विवाह की रौनक फीकी पड़ गयी. वहीं, किसानों के लिए यह बारिश आफत बन गयी है. बेमौसम बरसात से खेत और खलिहानों में पड़ी धान की फसल खराब होने की आशंका है. सब्जी व दलहन की फसलें भी खराब होने की चिंता किसानों को सताने लगी है. रबी फसल की खेती करने वाले किसानों ने गेहूं की समय पर बोवाई कर ली थी. अधिकांश लोगों ने खेतों का पटवन भी कर लिया है. अब इस बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका है. आलू की फसल पर भी इस बारिश का असर पड़ने की संभावना है. जिन किसानों ने अपनी गाढ़ी कमाई खेती में लगायी है, वह अधिक चिंतित हैं. क्योंकि उनका धान खेत-खलिहान में पड़ा हुआ है. ऐसे में धान बर्बाद होने की संभावना है.
धान कटनी बंद होने से किसान परेशान
चक्रवात मिचौंग के कारण लगातार बारिश से जनजीवन के साथ-साथ खेती किसानी का कार्य भी प्रभावित हुआ है. धान कटनी का कार्य बंद होने से किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि धान रोपने के वक्त बारिश नहीं हुई. किसी तरह मोटर पंप, डीजल पंप के सहारे धान की रोपाई की. अब जब धान की फसल तैयार है, तो बेमौसम बारिश शुरू हो गयी. वहीं सब्जी की खेती करने वाले किसान भी मायूस है. बारिश से आलू, बैगन, टमाटर, सेम, करैला, नेनुआ आदि सब्जियां खराब होने लगी हैं.
Also Read: पलामू : बस व पिकअप वाहन में टक्कर, कई लोग गंभीर