Palamu News: जहरीली शराब के सेवन से 6 घरों के बुझे चिराग, यूरिया और कीटनाशक दवाईयों का इस्तेमाल कर हो रहा तैयार

Palamu News: पलामू में जहरीली शराब के सेवन से 6 युवकों की मौत हो चुकी है. पुलिस प्रशासन के नाक के नीच शराब मफिया इस धंधे लगातार बढ़ाने में लगे हुए हैं.

By Sameer Oraon | December 12, 2024 6:37 PM

Palamu News पलामू, चंद्रशेखर सिंह : पलामू के छतरपुर में अवैध रूप से जहरीली शराब बेची जा रही है. महुआ के शराब के नाम पर उसमें यूरिया, कीटनाशक दवाईयां समेत अन्य रासायनिक पदार्थ मिलाया जा रहा है. नशे के लत से शिकार युवा वैसे शराब को पीकर मौत को गले लगा रहे हैं. पुलिस प्रशासन के नाक के नीच शराब माफिया लगातार इस धंधे को बढ़ा रहे हैं जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो दो हफ्ते में अब तक छह युवाओं की मौत जहरीली शराब पीने से हो गयी है.

किन युवाओं की हुई मौत

शराब पीने से जिनकी मौत हुई है उनमें सुनार मुहल्ला निवासी सरयू रजक के 40 वर्षीय पुत्र अनिल रजक, बिरजू रजक के 35 वर्षीय पुत्र गोपाल रजक, बस स्टैंड निवासी स्व कृष्णा चंद्रवंशी के 35 वर्षीय पुत्र भोला चंद्रवंशी और बबन पासवान के पुत्र भीष्म पासवान, बाजार परिसर निवासी अनिल चंद्रवंशी और दास मुहल्ला निवासी सुनील दास है.

बीते कुछ वर्षों में कई घरों के बुझे हैं चिराग

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में पलामू के छतरपुर प्रखंड में शराब के सेवन करने से कई घरों के चिराग बुझे हैं. इतना होने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. चुनाव के वक्त नाम मात्र का छापामारी अभियान जरूर चलाया जाता है, लेकिन उसके बाद यह कार्रवाई फिर से ठंड बस्ते में चली जाती है.

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महुआ की शराब बनाने की बनाने की चल रही हैं फैक्ट्रियां

जानकारी के अनुसार छतरपुर इलाके में महुआ की शराब बनाने की कई फैक्ट्रियां चल रही है. जिसमें कीटनाशक दवा, यूरिया खाद सहित अन्य रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे बनाया गया शराब जहरीला हो जाता है. वहीं, कच्चे स्प्रिट से नकली अंग्रेजी शराब बनाकर धड़ल्ले से आस-पास के होटलों और ढाबों में बेचा जा रहा है. जिसके सेवन से कई युवक असाध्य बीमारी से ग्रसित हो कर अस्पतालों में इलाजरत है. उनके इलाज में कई गरीब परिजन अपने जेवर, पुस्तैनी जमीन और घर तक बेच दे रहे हैं. इसके बावजूद लोग अपनों की जान नहीं बचा पा रहे हैं.

क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी

कुछ युवक शराब के आदि हो चुके थे. जिनकी बीमारी थी वे इलाज के बाद ठीक भी हो चुके थे. लेकिन, दोबारा सेवन करने के कारण उनका लीवर संक्रमित हो गया जिससे मौत उनकी मौत हुई है. जबकि सहिया द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

डॉ राजेश अग्रवाल, चिकित्सा प्रभारी

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