पलामू, सैकत चटर्जी. पलामू के छतरपुर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के तीन सक्रिय सदस्यों को हथियर समेत अन्य सामानों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. ये सारे सदस्य टीएसपीस के कमांडर नगीना जी के काफी नजदीकी बताए जाते हैं. ये तीनों नगीना जी के दस्ते में दैनिक जरूरत के समान और हथियार पहुंचाने के काम करते थे.
कैसे हुई गिरफ्तारी
इन दिनों पुलिस की सूचना तंत्र काफी मजबूती से काम कर रही है. पुलिस की सूचना तंत्र ने जैसे ही यह सूचना दी कि छतरपुर थाना क्षेत्र के चुचुरमार डैम के इलाके में कुछ लोग उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को पहुंचाने के लिए सामान जमा कर रहे हैं, वैसे ही पुलिस ने त्वरित निर्णय लेते हुए एक टीम बनाकर प्लानिंग के तहत डैम इलाके में छापामारी कर तीनों समर्थकों को धर दबोचा.
कौन कौन हुए गिरफ्तार
पुलिस ने चुचुरमार डैम इलाके से टीएसपीसी के लिए समान इकट्ठा करते हुए मझौली के रहने वाले गोविंद यादव (26), तारुदाग के रहने वाले शंभू परहिया (30) और चराई के रहने वाले शिवपुकार कुमार उर्फ मोती साव (30) को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या-क्या हुआ बरामद
पुलिस को डैम इलाके में कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार उग्रवादी समर्थकों के पास से दो देसी कट्टा, दो जिंदा गोली, एक काले रंग का पल्सर मोटरसाइकल, तीन मोबाइल फोन और भारी मात्रा में दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं मिली हैं. पुलिस गिरफ्तार उग्रवादी समर्थकों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मामला दायर कर आगे की कारवाई कर रही है.
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टीएसपीसी के साथ अन्य गिरोह के भी हैं संपर्क
इधर हाल में ही पुलिस को इस बात का पुख्ता सबूत मिला है कि टीएसपीसी के साथ कुख्यात डॉन अमन साहू और सुजीत सिन्हा के गिरोह का भी संपर्क है. तीनों आपस में मिलजुल कर काम कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो राजेंद्र साहू हत्याकांड में भी टीएसपीसी ने अमन साहू के गिरोह के शूटर से काम लिया था. इसी तरह ग्रामीण इलाके में अपनी धमक जताने के लिए अमन साहू और सुजीत सिन्हा गिरोह भी टीएसपीसी से उनके बर्चस्व वाले इलाके में मदद लेते हैं.
पुलिस के बढ़ती दबिश के कारण एक हुए तीनों
पलामू प्रक्षेत्र के आईजी राजकुमार लकड़ा की मानें तो पुलिस की बढ़ती दबिश के बीच अपना वर्चस्व कायम रखने में हो रही मुश्किल के कारण ही ये तीनों एक हुए हैं. इनका मानना है कि एक दूसरे की मदद कर काम करते रहने से इनका काम भी जारी रहेगा और वर्चस्व भी बरकरार रहेगा. अपराध जगत के जानकारों का मानना है कि यही एक इनका पतन का भी कारण बनेगा क्योंकि जल्द ही ये पैसों के बटवारे को लेकर आपस में भिड़ जाएंगे. इधर, पुलिस इनके गठजोड़ को तोड़ने के लिए लगातार दबिश बनाई हुई है.
अपनी मजबूत सूचना तंत्र के कारण सफल हो रही है पुलिस
पिछले दिनों के मुकाबले इधर पुलिस की सूचना तंत्र काफी मजबूती से उभर कर सामने आई है. इन सूचनाओं के आधार पर पुलिस प्लानिंग के तहत एक के बाद एक कारवाई कर उग्रवादी और अपराधिक गिरोह पर भारी पढ़ती जा रही है, पर इन दोनों का एकजुट होना फिर से पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गया है. छतरपुर से गिरफ्तार तीनों उग्रवादी समर्थकों से यह जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है कि उग्रवादी और अपराधिक गिरोह गठजोड़ की वर्तमान स्थिति क्या है.