पलामू टाइगर रिजर्व में हाथियों की गिनती का कार्य शुरू, इस चीज को बनाया जाएगा आधार
पलामू टाइगर रिजर्व में हाथियों की गिनती को अहम माना जा रहा है. पिछले वर्ष हुई हाथियों की गिनती में पीटीआर में इनकी संख्या 190 बताई गयी थी. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम में रितिक धानी, आशीष कुमार व शहजादा इकबाल शामिल हैं
पलामू टाइगर रिजर्व में मौजूद हाथी के गिनती का काम शुरू कर दिया गया है. पीटीआर प्रबंधन के अलावा हाथी की गिनती में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून के तीन सदस्य टीम भी शामिल हैं. 1129 वर्ग किलोमीटर में फैले पलामू टाइगर रिजर्व में मौजूद हाथी की गिनती का काम करीब दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. गौरतलब है कि झारखंड के सबसे अधिक हाथियों का बसेरा पलामू टाइगर रिजर्व माना जाता है.
इसलिए इनकी गिनती को अहम माना जा रहा है. पिछले वर्ष हुई हाथियों की गिनती में पीटीआर में इनकी संख्या 190 बताई गयी थी. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम में रितिक धानी, आशीष कुमार व शहजादा इकबाल शामिल हैं. इसके अलावे मनीष बख्शी व अन्य स्थानीय वनकर्मी भी इस कार्य में हिस्सा ले रहे हैं. गिनती के पहले चरण में हाथी के डंग (मल) को आधार बनाया गया है.
वहीं हाथी के गिनती के लिए प्रत्यक्ष दर्शन के अलावा कैमरा ट्रैप व हाई टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जाएगा. हाथियों की हो रही गिनती को पूरे पलामू टाइगर रिजर्व के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय में किया जाएगा. गिनती के काम पूरा करने के बाद इसे सरकार को भेजा जाएगा.
क्या कहते हैं फील्ड डायरेक्टर
फिल्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने कहा कि हाथियों के गिनती का काम शुरू कर दिया गया है. हाथी के गिनती के काल में एक्सपर्ट को भी लगाया गया है. हाथियों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के उद्देश्य से इसे समय-समय पर किया जाता है. हाथियों के गिनती करने के लिए टीम को विशेष निर्देश दिया गया है.