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अस्पताल में मरीज मिनरल वाटर खरीदकर चला रहे काम

एमएमसीएच की बोरिंग फेल होन से पानी के लिए हाहाकार. नहाने व कपड़ा धोने की बात छोड़ दें, पीने व शौच के लिए भी पानी खरीदना पड़ रहा है

मेदिनीनगर.

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमएमसीएच) में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. जल स्तर नीचे जाने के कारण अस्पताल की बोरिंग फेल हो गयी है. इस वजह से इलाज कराने पहुंचे मरीज व उनके परिजनों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. स्थिति यह है कि अस्पताल के शौचालय में भी पानी नहीं है. पीने के लिए तो बोतल का पानी खरीदना ही पड़ रहा है. शौच जाने के लिए भी मरीज व उनके परिजन को बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है. जिस मरीज के रिश्तेदार या परिचित शहर में रहते हैं, उनसे बोतल में पानी मंगाया जा रहा है. ताकि भर्ती मरीज को पीने व शौच जाने में उपयोग हो सके. यह उस अस्पताल की हालत है, जहां प्रतिदिन शहरी व ग्रामीण इलाकों से एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. उनके साथ उनके परिजन भी रहते हैं. अस्पताल में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन मरीजों व उनके परिजनों की इस परेशानी को गंभीरता से नहीं ले रहा है. ओपीडी में आने वाले मरीज गर्मी को देखते हुए अपने साथ बोतल में पानी लाते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल में भर्ती मरीजों को हो रही है. नहाने व कपड़ा धोने की बात छोड़ दें, तो पीने व शौच जाने के लिए भी पानी खरीदकर उपयोग करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ जिले के आलाधिकारी भी अस्पताल में व्याप्त जल संकट से बेखबर हैं. कई मरीज तो जल संकट को देखते हुए अस्पताल से जल्द छुट्टी लेकर घर चले जा रहे हैं. अस्पताल परिसर में लगा आरअो प्लांट भी फेल कर गया है. काफी कम मात्रा में पानी निकलता है.

अस्पताल प्रबंधन पानी की व्यवस्था करे :

सदर प्रखंड के रजवाडीह के प्रदीप कुमार पेट व लीवर की बीमारी से पीड़ित है. वह एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती है. उसने बताया कि पानी की कमी के कारण काफी परेशानी हो रही है. जब से भर्ती हैं, बाहर से पानी खरीदकर ला रहे हैं. उसी पानी को पीते हैं व शौच जाने पर भी उपयोग करते हैं. पांकी के पच्चु भुइयां ने बताया कि पिता बंधु भुइयां का इलाज चल रहा है. लेकिन जल संकट के कारण काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन को पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. तरहसी के बंधु राम चंद्रवंशी ने बताया कि 15 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. यहां जल संकट से जूझना मरीजों की नियति बन गयी है. क्योंकि यहां की जल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है. मरीज व उनके परिजन किस तरह अस्पताल में रह रहे हैं, यह कोई देखने वाला नहीं है.

डीसी की अनुमति के बाद ही बोरिंग :

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ डीके सिंह ने कहा कि यह सच है कि अस्पताल में जल संकट की स्थिति गंभीर बनी हुई है. एक बोरिंग है, उसका भी जल स्तर नीचे चला गया है. काफी कम मात्रा में पानी निकलता है. उसी से अस्पताल के नये व पुराने ओपीडी भवन में पानी की आपूर्ति की जाती है. इस कारण परेशानी बढ़ी है. वैसे अस्पताल में डीप बोरिंग कराने के लिए उपायुक्त को आवेदन दिया गया है. उनकी अनुशंसा के बाद नगर आयुक्त से अनुमति मिलने पर बोरिंग करायी जायेगी.

जल स्तर की जांच के बाद बोरिंग की अनुमति :

वहीं निगम के नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि सेंटर ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के तहत डीप बोरिंग का परमिशन देने का प्रावधान है. एमएमसीएच से डीप बोरिंग के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है. तकनीकी सेल को जल स्तर की जांच की जिम्मेवारी दी गयी है. रिपोर्ट आने के बाद ही जल स्तर ठीक रहा, तो बोरिंग कराने की अनुमति दी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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