मेदनीनगर : सहायक पुलिस के जवान वर्दी ए इंसाफ के तहत गुरुवार को पदयात्रा कर रांची जाने के लिए पुलिस केंद्र से निकले थे. जैसे ही जवान चियांकी हवाई अड्डा के पास पहुंचे. वहां पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें रोक दिया गया. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता व अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने जवानों से पदयात्रा स्थगित करने का आग्रह किया.
इसके बाद सभी सहायक पुलिस के जवान वापस हो गये. बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा के साथ वार्ता की. प्रतिनिधिमंडल में शामिल जवानों ने बताया कि 12 सितंबर को रांची में मुख्यमंत्री आवास घेरने का कार्यक्रम है. इसमें वे लोग पदयात्रा कर जा रहे थे. एसपी श्री लिंडा ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि अभी दो दिन समय है.
सरकार से पत्राचार किया गया है, यदि दो दिन के अंदर कोई निर्णय नहीं होता है तो आप सभी अपनी मांग के समर्थन में अपना आंदोलन जारी रख सकते हैं. एसपी ने कहा कि वे लोग पदयात्रा के माध्यम से रांची जाने का इजाजत नहीं देंगे. यदि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास कार्यक्रम में जाना है तो आप सब निजी वाहन से जाने के लिए स्वतंत्र हैं. सहायक पुलिस के जवानों ने बताया कि वर्ष 2017 में राज्य में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 2500 सहायक पुलिस की नियुक्ति की गयी थी.
उसी समय कहा गया था कि तीन वर्ष पूरा होने के बाद सभी सहायक कर्मियों को झारखंड पुलिस के आरक्षी पदों पर सीधा नियुक्त कर दिया जायेगा. लेकिन अभी तक इस मामले में गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जवानों ने कहा कि वे लोग तीन वर्षों से पूरे निष्ठा व ईमानदारी के साथ सभी क्षेत्रों में अपनी सेवा दे रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल में प्रियंका कुमारी, राजकुमार,विवेकानंद गुप्ता, पूनम शर्मा आदि शामिल हैं.
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