सम्मेलन के लिए जुटे लोग आपस में भिड़े, वाहनों के शीशे तोड़े
सम्मेलन के दौरान विवाद के मची अफरातफरी
By Prabhat Khabar News Desk |
April 13, 2024 9:17 PM
छतरपुर.
छतरपुर के जपला रोड स्थित उषा पेट्रोल पंप के समीप काफी संख्या में जुटे चित्तौड़–राठौर समाज के लोग शुक्रवार की देर रात आपस में ही उलझ गये. विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने एक-दूसरे के 50 से अधिक वाहनों के शीशे तोड़ डाले. जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. बच्चे-बूढ़े व महिलाएं इधर-उधर भागने लगे. कई लोग अपना वाहन फिल्मी स्टाइल में लेकर भाग खड़े हुए. इसकी सूचना मिलने पर थाना प्रभारी राजेश रंजन दल-बल के साथ पहुंचे. मामले को शांत कराया. पुलिस ने भाग रहे लोगों को भारत माता चौक पर रोकने का प्रयास किया, पर सभी जैसे-तैसे वाहन लेकर भाग खड़े हुए. करीब आधे घंटे में पूरा मैदान खाली हो गया. घटनास्थल पर उनके सामान बिखरे पड़े थे. चटाई और जूता-चप्पल के अलावा खेतों में गाड़ियों के टूटे शीशे बिखरे पड़े थे.
क्या है मामला :
घटना के बाद कुछ लोगों ने बताया कि वह चित्तौड़–राठौर समाज से आते हैं अौर सम्मेलन में आये थे. उनके समाज के लोग देश-विदेश सहित कई राज्यों में व्यवसाय करते हैं. कई बड़े अधिकारी भी हैं और कई लोग घूम-घूम कर जड़ी-बूटी बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं. दिल्ली में रहने वाले समाज के प्रधान रतन सिंह के आदेश पर छतरपुर में मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें समाज की गरीब बच्चियों का दहेज रहित शादी कराने का कार्यक्रम था. वहीं ,पूर्व में जिन युवतियों की शादी हुई थी अौर वह विवाद के कारण अपने परिवार से अलग हो गयी थीं, उनकी समस्या के निदान, समाज से दहेज प्रथा खत्म करने के अलावा अन्य समस्याओं के समाधान को लेकर यह मिलन समारोह आयोजित था. समाज में एक व्यक्ति को मुख्य आयोजनकर्ता बना कर कार्यक्रम कराने के लिए चंदा इकट्ठा कर करीब डेढ़ लाख रुपये दिये गये थे, लेकिन वह व्यक्ति भाग गया. इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा. वहीं, कुछ परिवारों द्वारा शादी की इच्छा से जबरन दो लड़कियों को अपने समूह में ले लिया गया था. इस बात से भी विवाद बढ़ गया और सभी आपस में ही उलझे गये
सुबह खाली मैदान देख स्थानीय लोग हैरान :
शनिवार की सुबह जब छतरपुर के लोगों की नींद खुली, तो दो दिन से डेरा जमाये लोगों को गायब देखा. वे अचंभित थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सभी रातोंरात भाग खड़े हुए. इधर, पुलिस ने भी चैन की सांस ली. क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा उन सभी को हटाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया जा रहा था.