भीम चूल्हा में उमड़े लोग, लगायी आस्था की डुबकी
वर्ष के पहले त्योहार मकर संक्रांति पर भीम चूल्हा में लगने वाले प्राचीन मेले में उमड़ा आस्था का जनसैलाब.
मोहम्मदगंज. वर्ष के पहले त्योहार मकर संक्रांति पर भीम चूल्हा में लगने वाले प्राचीन मेले में उमड़ा आस्था का जनसैलाब. इसके पहले इतनी भीड़ मेला में नही देखी गयी. प्रशासन व स्थानीय लोगों ने भीड़ संभालने के लिए मेला स्थल से एक किमी पूर्व मुख्य पथ पर वाहनों की चेकिंग व नाकाबंदी लगा दी. मोहम्मदगंज थाना प्रभारी मुकेश कुमार सिंह, सीओ रणवीर कुमार व नियुक्त दंडाधिकारी प्रदीप कुमार, राहुल कुमार व पंशा सूर्यमंदिर परिसर में मुकेश कुमार मेले के दौरान विधि व्यवस्था को लेकर काफी सक्रिय रहे. मेला स्थल से भीम बराज, भोला मोड़ व कादल मुख्य पथ में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की लंबी कतार शाम पांच बजे तक लगी रही. श्रद्धालुओं ने कहा की इस वर्ष मेला में अद्भुत व ऐतिहासिक भीड़ हुई है. मंदिर के पुजारी गंगा तिवारी भी इस वर्ष की भीड़ को आस्था से जुड़ा होंना बताया, कहा कि कई वर्षों के बाद इस वर्ष इतनी भीड़ मेला में उमड़ी है. मेला में जगह की कमी के बावजूद लोगों की इस स्थल से जुड़ी आस्था में कमी नही आयी है. पंशा में कोयल व सोन नदी के तट पर लगने वाले मेले में लोग पहुचे. तट पर स्थित सूर्य मंदिर में मन्नत मांगी. मकर संक्रांति के मौके पर आस्था से जुड़ी सभी आवश्यक चीजें मौजूद होना भी इस मेले की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. कई नदियों के मिलन के बाद बनी कोयल नदी में यहां डुबकी लगाना, मंदिर में जलाभिषेक के बाद चूड़ा तिलकुट मेले में उपलब्ध रहता था. स्नान करने आये लोगों को पास के पहाड़ों की वादियों व कोयल नदी पर बना एक किमी लंबी भीम बराज का विहंगम दृश्य भी लुभाता है. मेला में पकवान व खिलौने की बिक्री खूब होती है. रोजमर्रा के उपयोग का सामान की खरीदारी कर लोग मेला से लौटते हैं. बिहार के अंकोरहा, बड़की सैलया, नबीननगर के लोग इस बार रेल मार्ग से मेले में काफी संख्या में पहुचे. जबकि गढ़वा व पलामू जिला के सैकड़ों गांव के लोग काफी उत्साह के साथ मेला में झुंड बना कर आते हैं.इसमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है.
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