पीढ़ी दर पीढ़ी फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को विवश है अंगरा गांव के लोग
प्रखंड के अंगरा गांव के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं. यह अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बहुल गांव है.
पाटन. प्रखंड के अंगरा गांव के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं. यह अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बहुल गांव है. अवराही टोला में तो शत-प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग ही रहते हैं. यह विडंबना ही है कि आज तक इन इलाके के लोगों की पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल सका है. लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं. दूषित पानी पीने से गांव के दर्जनों लोग विकलांग हो चुके हैं. वहीं कई लोग अन्य प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हैं. पहले तो यहां के लोगों को यह जानकारी नहीं थी कि गांव में फ्लोराइड युक्त पानी है. लेकिन पड़ताल के बाद यह मामला सामने आया कि इस गांव में फ्लोराइड युक्त पानी है. इसकी सूचना के बाद वर्ष 2014 में झारखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के प्रयास से सोलर सिस्टम से लघु ग्रामीण पेयजल आपूर्ति शुरू हुई थी. डीप बोर के बाद सोलर सिस्टम से संचालित मशीन लगायी गयी. कुछ जगह पर नल लगाये गये थे. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद यह सब खराब हो गया. इसके बाद ग्रामीण विभाग से शिकायत की गयी. वर्ष 2021-22 में 15वें वित्त की राशि से उसकी मरम्मत भी करायी गयी, इसके बाद तीन-चार दिन पानी मिला और स्थिति फिर पहले जैसी हो गयी. लोगों ने इसके लिए बार-बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी, लेकिन उनकी बातों को दरकिनार कर दिया गया. किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी. लोग आज भी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं. इस पानी के पीने से लोग दिनों दिन बीमार होते जा रहे हैं. ग्रामीण रामप्रसाद उरांव ने कहा कि शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है. जिसके कारण इस टोले के अधिकांश लोग अनेक प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हैंं. लेकिन इसे कोई देखने वाला नहीं है. सोनू उरांव ने कहा कि कुछ दिन पानी मिला था. लेकिन दो वर्ष से यह बिलकुल ही बंद है. छह सोलर था, जिसे विभाग के लोग खोल कर ले गये और उसके बदले तीन सोलर प्लेट लगा कर चले गये. पुरानी मशीन भी ले गये. नयी मशीन लगायी गयी, लेकिन तीन चार दिन भी नहीं चला. दिनेश उरांव ने कहा कि उन लोग विधायक व विभाग दोनों जगह गुहार लगा कर थक गये, लेकिन उन लोगों की किसी ने नहीं सुनी.
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