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पलामू के चियांकी पहाड़ के पास फटी पाइप, बारालोटा जलापूर्ति योजना ठप, करीब 50 हजार आबादी प्रभावित

पलामू के चियांकी पहाड़ के पास पाइप फटने से बारालोटा जलापूर्ति योजना ठप हो गई. इससे करीब 50 हजार आबादी प्रभावित हुई. इस मामले में सड़क निर्माण कार्य करा रही भारत वाणिज्य इस्टर्न लिमिटेड कंपनी को दोषी पाया गया.

मेदिनीनगर (पलामू), राकेश पाठक : रांची रोड में चियांकी पहाड़ के पास जलापूर्ति का वितरण मुख्य पाइप क्षतिग्रस्त हो गया. इस कारण बारालोटा जलापूर्ति योजना पूरी तरह ठप हो गयी है. मंगलवार को इस जलापूर्ति योजना के पोषक क्षेत्र में जलापूर्ति नहीं हो सकी. सुबह में चियांकी स्थित जलमीनार से पोषक क्षेत्र में जलापूर्ति शुरू की गई, तो पहाड़ के पास पानी बह रहा था. ऑपरेटर ने तत्काल इसकी सूचना पीएचईडी और निगम प्रशासन को दी. निगम के नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन के निर्देश के आलोक में टीम वहां पहुंची. इधर पीएचईडी के सहायक अभियंता के निर्देश पर विभाग के पाइप लाइन इंस्पेक्टर संजय गुप्ता भी पहुंचे. निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बाइपास सड़क निर्माण कार्य के दौरान पेयजल वितरण का मुख्य पाइप क्षतिग्रस्त हो गया है.

निगम के नगर प्रबंधक दिलीप कुमार और पाइप लाइन इंस्पेक्टर छोटेलाल गुप्ता ने सारी स्थिति से नगर आयुक्त को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि बाइपास सड़क निर्माण कार्य के दौरान ही पाइप क्षतिग्रस्त हुआ है. इस मामले में सड़क निर्माण कार्य करा रही भारत वाणिज्य इस्टर्न लिमिटेड कंपनी को दोषी पाया गया. नगर आयुक्त ने कहा कि सड़क के किनारे निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कंपनी को पीएचईडी या निगम प्रशासन से संपर्क करना चाहिए था. नगर आयुक्त ने उक्त कंपनी को नोटिस जारी किया और क्षतिग्रस्त जलापूर्ति वितरण पाइप की मरम्मत अविलंब कराने का निर्देश दिया है. नगर आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सही तरीके से मजबूती के साथ पाइप मरम्मत नहीं करायी गई, तो उक्त कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि कंपनी की लापरवाही के कारण ही पाइप क्षतिग्रस्त हुआ है.

करीब एक सप्ताह तक बंद रहेगी जलापूर्ति

नगर निगम की तकनीकी टीम ने क्षतिग्रस्त जलापूर्ति पाइप के निरीक्षण के बाद बताया कि करीब एक सप्ताह तक जलापूर्ति प्रभावित रहेगी. जलापूर्ति मुख्य वितरण पाइप 15 इंच डायमीटर का है, जो कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. पाइप वेल्डिंग कराने की बजाय उसे बदलना ही उचित होगा, क्योंकि क्षतिग्रस्त पाइप का वेल्डिंग कराने से लीकेज की समस्या बनी रहेगी. इसलिए निगम प्रशासन को यह सुझाव दिया गया है कि उचित निर्णय लेकर पाइप बदलने की दिशा में कार्रवाई करे.

50 हजार आबादी होगी प्रभावित

बारालोटा जलापूर्ति योजना का मुख्य वितरण पाइप क्षतिग्रस्त होने के कारण शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. इस जलापूर्ति योजना के माध्यम से मेदिनीनगर शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति किया जाता है. शहरी क्षेत्र के रेड़मा, बारालोटा, जीएलए कॉलेज रोड, पोखराहा के नौ वार्डों में जलापूर्ति होती है, जबकि सदर प्रखंड के चियांकी, जमुने, रजवाडीह एवं जोड़ पंचायत के सभी गांवों में जलापूर्ति की जाती है.पाइंप क्षतिग्रस्त होने के कारण पोषक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

क्या कहती हैं प्रखंड प्रमुख

सदर मेदिनीनगर प्रखंड की प्रमुख बसंती देवी ने जलापूर्ति पाइप क्षतिग्रस्त होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बाइपास सड़क निर्माण कार्य करा रही कंपनी की मनमानी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. गलती चाहे जिसकी हो विभाग को चाहिए कि क्षतिग्रस्त पाइप बदलकर अविलंब जलापूर्ति बहाल करे.

क्या कहते हैं बहु पंचायत सह वार्ड समिति अध्यक्ष

बारालोटा जलापूर्ति योजना के सफल संचालन के लिए गठित बहु पंचायत सह वार्ड समिति के अध्यक्ष विवेकानंद त्रिपाठी ने कहा कि पाइप क्षतिग्रस्त होने की वजह से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. अधिक समय तक जलापूर्ति बंद रहने से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की जनता परेशान रहेगी. ऐसी स्थिति में निगम प्रशासन को कड़ा स्टेप लेते हुए पाइप बदलकर अविलंब जलापूर्ति बहाल करना चाहिए.

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