35 लाख रुपये की राशि खर्च कर लगाये गये फूल पौधे सूखे

भीषण गर्मी के बीच पलामू जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भीम चूल्हा के पार्क वीरान हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 4:46 PM

…………. भीम चूल्हा का पार्क हुआ वीरान कुंदन कुमार, मोहम्मदगंज भीषण गर्मी के बीच पलामू जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भीम चूल्हा के पार्क वीरान हो गया है. पर्यटक स्थल का दर्जा मिलने के बाद इसे जिला मद की करीब 35 लाख रुपये की राशि से खर्च कर फूल पौधे व अन्य निर्माण इसके परिसर में किया गया है . लेकिन इसके संरक्षण व संवर्धन के लिये कोई उपाय नही किया गया है. जिसके कारण पर्यटक स्थल के साथ पार्क का अस्तित्व संकट में आ गया है.पार्क में लगे सभी फूल व पौधे सूख गये है . हुसैनाबाद – मेदिनीननगर के मुख्य पथ के रास्ते मे पड़ने वाला पर्यटन स्थल लोगों को दूर से आकर्षित करता रहा है. इसके कारण यहां से गुजरने वाले राहगीर व वाहन कुछ देर यहां रुकना पसंद करते थे .पार्क में सुखाड़ की स्थिति बनने के कारण अब यहां लोग दो पल के लिए भी रुकना पसंद नही करते . निर्माण के समय पार्क में कई फूल पौधे की हरियाली व इसकी छटा पर्यटकों को लुभाती थी.महाभारत कालीन की पौराणिक कथाओं को अपने मे समेटे भीमचुल्हा पलामू की लाइफ लाइन नदी कोयल के तट के बिल्कुल सटे स्थित है, जो पर्यटकों को काफी लुभाती है. साथ ही इस स्थल से सनसेट देखना सुखद अनुभूति होती है .यूनिक फोटो ग्राफी के लिए यह जगह मुफीद है. इस स्थल पर आज भी लोग मन्नत मांगने , पूजा पाठ करने, शादी करने व घूमने फिरने आते है.साल में कई बार पर्व व त्योहार पर भारी भीड़ होती है . नदी में पानी रहते हुए भी पार्क में पटवन की व्यवस्था नही उत्तर कोयल परियोजना बिहार के द्वारा निर्मित भीम बराज के पदाधाकारियों ने इन दिनों बराज का सभी फाटक बंद कर दिया है . जिससे भीम बराज के ऊपरी भाग में नदी का पर्याप्त जलस्तर बना हुआ है. इस नदी से पार्क को पटवन किया जा सकता है . मगर इसकी सुविधा उपलब्ध नही है. मंदिर के पुजारी गंगा तिवारी व गाइड सत्येंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि जिला के अधिकारी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पंचायत प्रतिनिधियों से पार्क का अस्तित्व बचाने की गुहार कई बार लगायी है. पर्यटक स्थल का निरीक्षण व इसका दर्शन करने पहुंचने पर पार्क व इस परिसर की समस्याओं से हमेशा अवगत कराया है. मगर इस पर कोई ध्यान अब तक नही दिया गया. इस स्थल पर रोशनी के लिए बिजली की व्यस्था नहीं है. बिजली उपलब्ध होने पर मोटर चलाकर पाइप लाइन से इस परिसर को सिंचित करने के एक छोटी समस्या का समाधान है .

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