रांची के सेल्समैन अंजनी सिन्हा हत्याकांड का मुख्य आरोपी को पुलिस ने एक साल बाद किया गिरफ्तार
रांची निवासी अंजनी सिन्हा हत्याकांड के मुख्य आरोपी छोटू रंगसाज को पकड़ने में पुलिस को एक साल क्यों लगी, जबकि वो बगल के जिला गढ़वा में घूमता रहा था. पूरी कहानी जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.
पलामू, सैकत चटर्जी : 18 जून 2022 को रांची के मोटर पार्ट्स कंपनी ‘काफिला’ के सेल्समैन अंजनी कुमार सिन्हा की हत्या पलामू के मेदिनीनगर के रेड़मा में कर दी गई थी. ठीक इसके एक साल बाद 17 जून 2023 को इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी छोटू रंगसाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. एक साल बाद ही सही हत्याकांड के मुख्य आरोपी को हिरासत में लेना पुलिस के लिए सकारात्मक बात जरूर है, पर साथ में यह सवाल भी उठ रही है की आखिर हत्याकांड के इस मुख्य आरोपी छोटू रंगसाज को पकड़ने में पुलिस को एक साल कैसे लग गए, जबकि वह बगल के जिले गढ़वा को अपना ठिकाना बनाए हुए था.
कौन है हत्यारा छोटू रंगसाज
एक साल तक पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहा छोटू रंगसाज अपराध की दुनिया का कोई नया खिलाड़ी नही था, वो पुराना हिस्ट्री शीटर है. विभिन्न थानों में उसपर 70 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज है, जिसमें कई हत्या के भी है. अधिकांश मामलों में वो साक्ष के अभाव में या कमजोर केस फाइलिंग के कारण बरी होता रहा है. अभी भी उसपर कई मामले लंबित है. गढ़वा इसका अपराधिक सरजमी होने के बावजूद पलामू पर भी इसकी अच्छी पकड़ थी. हत्या व धमकाने के मामले में यह दबदबा रखता था. निशाने पर बम फेंकने में भी छोटू को माहिर माना जाता है. मुख्य रूप से गढ़वा के रंका के रहने वाला छोटू रांची के नामकुम में भी अपना घर बना रखा था.
क्यों हुई थी अंजनी कुमार सिन्हा की हत्या
एक साल पहले 18 जून 2022 को मेदिनीनगर के रेड़मा में रांची के मोटर पार्ट्स कंपनी ‘काफिला’ के सेल्समैन अंजनी कुमार सिन्हा की हत्या छोटू रंगसाज ने की थी. इसके पीछे का कारण वाव्यसायिक विवाद था. मेदिनीनगर के मोटर पार्ट्स दुकान स्टार मोटर पार्ट्स के मालिक अमजद हुसैन उर्फ गुड्डू का विवाद अंजनी सिन्हा से था. गुड्डू के पास अंजनी का करीब डेढ़ लाख रुपया बाकी था, विवाद के कारण गुड्डू का कारोबार मंदा चल रहा था, ऊपर से अंजनी के बार बार बकाया पैसे के तगादा से वो परेशान होकर छोटू रंगसाज को अंजनी को हत्या की सुपाड़ी दे दी. छोटू रंगसाज से गुड्डू की पुरानी जानपहचान थी. छोटू ने दो लाख रुपए में अंजनी सिन्हा को हत्या करने की सुपाड़ी ली थी.
कैसे हुई थी हत्या
अंजनी हत्या की सुपाड़ी लेने के बाद छोटू रंगसाज ने अपनी टीम बनाई, जिसमें शूटर सोहैल, जितेंद्र चंद्रवंशी उर्फ लंगड़ा उर्फ जेके, मिंटू रंगसाज व साबिर अंसारी शामिल था. हत्या के दिन जब अंजनी सिन्हा रांची से अपने व्यापारिक कारणों से मेदिनीनगर आया तो छोटू के प्लानिंग के तहत जेके उसका पीछा करना शुरू किया. रेड़मा सब्जी मंडी के पास जेके ने शूटर सुहैल से अंजनी का पहचान कराया, थोड़ी देर में सुहैल ने अंजनी को शूट कर वापस रांची भाग गया. इस समय त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अमजद हुसैन उर्फ गुड्डू और जेके को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. छोटू, सुहैल, साबिर और मिंटू फरार था, जिसमें से छोटू को 18 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया. एसडीपीओ ऋषभ गर्ग ने प्रेस वार्ता कर घटना की जानकारी देते हुए दावा किया की हत्याकांड में शामिल बाकी अपराधी भी जल्द पकड़े जाएंगे.
कैसे पकड़ाया छोटू रंगसाज
छोटू रंगसाज उर्फ वाजुद्दीन रंगसाज एक साल तक तो पुलिस से आंख मिचौली खेलता रहा पर 17 जून को पुलिस को उसकी गतिविधि को पुख्ता सूचना मिली. इसी के आधार पर एसपी के निर्देश पर सदर थाना प्रभारी गौतम कुमार व शहर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम बनाकर गढ़वा के मेराल – गढ़वा मुख्य पथ पर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर से उसे ग्रीफतार किया गया.
आखिर एक साल तक कैसे बचता रहा छोटू रंगसाज
आखिर गढ़वा में रहते हुए छोटू रंगसाज एक साल तक कैसे पुलिस से बचता रहा इसका कोई सटीक जवाब पुलिस के पास नहीं है. एसडीपीओ ऋषभ गर्ग बताते है कि पुलिस इसके पीछे लगी हुई थी, पर छोटू एक शातिर अपराधी था, जो अपने नेटवर्किंग के कारण बचता रहा. पहले भी कई बार उसे पकड़ने की कोशिश की गई थी पर पुलिस को सफलता नहीं मिली थी. सूत्रों की माने तो छोटू रंगसाज को गढ़वा सहित पलामू में भी कुछ रसूख वाले राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, जिसके वजह से वो अपराध की दुनिया में अपना हैसियत बढ़ा लिया था और पुलिस से भी बचता रहता था. राजनीतिक पैठ से ही उसके खिलाफ दर्ज केस कमजोर होते थे और गवाह भी नहीं मिलते थे. पर इस सवाल पर एसडीपीओ ऋषभ गर्ग ने चुप्पी साध ली और कहा कि यह जांच का विषय है अभी कुछ नही कहा जा सकता है.
इस बार पुलिस कर रही है कड़ी तैयारी
पुलिस की अंदरूनी सूत्रों की माने तो इस बार अंजनी सिन्हा हत्याकांड में मुश्किल से हाथ चढ़े छोटू रंगसाज के खिलाफ मामला दर्ज करने में पुलिस पूरी तैयारी कर ली है. इतनी मजबूती से केस दर्ज किया जा रहा है कि सजा मिलने से वो बच ना पाए. अंजनी सिन्हा हत्याकांड के साथ साथ उसपर गढ़वा के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों को भी टैग किया जायेगा.
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