Loading election data...

पलामू में खासमहल जमीन को लेकर बोली मेयर- जमींदारी प्रथा खत्म, तो यहां लागू क्यों, जानें क्या है खासमहल

खासमहल जमीन के मुद्दे को लेकर पलामू चेंबर की बैठक में मेयर अरुणा शंकर ने नाराजगी जतायी. कहा कि जब देश से जमींदारी प्रथा खत्म है, तो इस जमीन को लेकर इसमें यह प्रथा क्यों लागू है. बता दें कि खासमहल नेचर की जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास होता है और इसका स्थानांतरण भी नहीं हो सकता है.

By Samir Ranjan | November 6, 2022 4:25 PM

Prabhat Khabar Explainer: खासमहल जमीन पर लागू जमींदारी प्रथा खत्म करने को लेकर एक बार फिर मांग उठी. रविवार को पलामू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की एक बैठक हुई. इस बैठक में मेयर अरुणा शंकर ने खास महाल जमीन से जमींदारी को खत्म करने पर जोर दिया. कहा कि जब देश से जमींदारी प्रथा खत्म हो गई, तो खास महाल में जमींदारी क्यों. मेयर ने कहा कि खास महाल की सलामी एक आजाद देश की गुलामी है. यह गुलामी मेदिनीनगर की जनता कभी नहीं मानेगी.

क्या है खासमहल जमीन

ऐसी जमीन जिसका प्रबंध सरकार खुद करे, खासमहल जमीन की श्रेणी में आती है. मालूम हो कि ब्रिटिश शासनकाल में खास महाल इस्टेट बनाया गया था. लेकिन, आजादी के बाद इन जमीनों का मालिकाना हक भारत सरकार के पास आ गया. 60 के दशक में खासमहल की जमीन को लीज पर दी गयी, लेकिन शर्त रखी गयी कि खास महाल की इस जमीन को किसी भी हाल में खरीद-बिक्री नहीं हो सकती है. इसके तहत सरकारी और रैयती दोनों तरह की जमीन आती है. 1950 में बिहार भूमि सुधार कानून बनाकर जमींदारी प्रथा को खत्म किया गया, इसके बावजूद आज भी खासमहल की जमीन पर जमींदारी लागू है. इस जमींदारी का विरोध हो रहा है.

इस मुद्दे पर सांसद और विधायक से होगी चर्चा

इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले सप्ताह सांसद बीडी राम एवं विधायक आलोक चौरसिया के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी, वहीं न्यायपालिका केमिटी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से इस कानून को खत्म करने के लिए विचार-विमर्श करेगा. साथ ही इस बैठक में दो कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया.

Also Read: रांची में खास महाल जमीन की खरीद बिक्री पर लगी रोक, लेकिन दलालों की मदद से जमीन रजिस्ट्री है जारी

दो कमेटी बनायी गयी

बैठक में लिए गए निर्णय के तहत दो कमेटी बनाई गई. इसके तहत न्यायपालिका कमेटी में प्रभात अग्रवाल, नवल तुलस्यान, विनोद उदयपुरिया, संजय कुमार, सुधीर अग्रवाल, सुनील गिरी और चंदू पांडे को शामिल किया गया है. दूसरी विधायिका कमेटी बनायी गयी जिसमें  ज्ञान चंद पांडे, सुरेश जैन, मुमताज खान, आनंद शंकर, कौशल जायसवाल, इंद्रजीत सिंह डिंपल, कृष्णा अग्रवाल आदि प्रमुख हैं. इधर, बैठक में काफी संख्या में लीजधारी उपस्थित थे. वहीं, बैठक का संचालन इंद्रजीत सिंह डिंपल ने किया.

रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू.

Next Article

Exit mobile version