2000 फीट की ऊंचाई पर बसे पलामू के पाल्हे गांव पहुंचे DC, आजादी के बाद पहली बार किसी अधिकारी का हुआ आना
प्रभात खबर में छपे समाचार का असर हुआ. 2000 फीट ऊंची डकनिया पहाड़ पर बसे पलामू के पाल्हे गांव में डीसी ए दोड्डे पहुंचे. आजादी के बाद पहला कोई अधिकारी इस गांव में पहुंचा है. डीसी के पाल्हे आते ही ग्रामीणों में काफी खुशी दिखी. वहीं, डीसी ने भी इस गांव की जल्द सूरत बदलने की बात कही.
Prabhat Khabar Impact: पलामू जिले के उग्रवाद प्रभावित नौडीहा बाजार प्रखंड की करकट्टा पंचायत स्थित 2000 फीट ऊंची डकनिया पहाड़ पर बसे पाल्हे गांव में डीसी ए दोड्डे पहुंचे. आजादी की 75 साल में पहली बार सुध लेने कोई डीसी यहां पहुंचा. सुविधा से वंचित आदिम जनजाति के लोग वर्षों से इस पहाड़ पर गुजर बसर करते आ रहे हैं, पर आज तक उनकी दुख-दर्द सुनने वाला कोई नहीं आया.
आदिम जनजाति की हालात को प्रकाशित करने के बाद रेस हुए अधिकारी
प्रभात खबर ने विलुप्त होती आदिम जनजाति की हालात को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद पलामू जिला प्रशासन सक्रिय हुआ. गुरुवार को डीसी ए दोड्डे के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम करीब तीन किलोमीटर दुर्गम रास्ते से चलकर सुदुरवर्ती पाल्हे गांव पहुंची. डीसी एवं प्रशासन की टीम को देखकर ग्रामीण काफी खुश दिखे. उन्हें यह उम्मीद जगी कि अब उनकी समस्याओं का समाधान होगा. क्षेत्र की बदहाली दूर होगी और लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलेगी.
ग्रामीणों ने डीसी को सुनायी समस्या, मिला आश्वासन
डीसी ने ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी. ग्रामीणों ने बेझिझक अपनी समस्याओं से अवगत कराया. बताया कि गांव में न तो आने के लिए सड़क है और न ही पीने के लिए पानी. इसके अलावा आवास, बिजली, पेंशन, शिक्षा, रोजगार सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. इस पर डीसी श्री दोड्डे ने ग्रामीणों को भरोसा दिया कि सारी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा. इसी उद्देश्य को लेकर वह खुद प्रशासन की टीम को लेकर यहां पहुंचे हैं. विकास के लिए कार्य योजना तैयार की जायेगी और घरों तक विकास की रोशनी पहुंचायी जायेगी. इस दौरान उपायु्कत ने ग्रामीणों के बीच कंबल का वितरण किया. वही बच्चों के साथ बैठकर बातें की और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. डीसी ने बच्चों को टॉफी व टेडीवियर दिया. इसे पाकर बच्चों के चेहरे पर खुशी देखी गयी. ऑन स्पॉट कई लोगों को वृद्धा पेंशन स्वीकृत किया गया.
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इसके अलावा डीसी ने पाल्हे में बंद उत्क्रमित मध्य विद्यालय को दोबारा चालू कराने, पहाड़ पर सड़क बनाकर आवागमन को सुचारू करने का भरोसा दिया. साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए समूह गठित कर बैंक से राशि उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया. वहीं, गांव के युवाओं को रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने की बात कही. गांव में पेयजल एवं सिंचाई की व्यवस्था के लिए बोरिंग और तालाब का निर्माण कराने का निर्देश बीडीओ को दिया गया.
डीसी ने युवाओं को किया प्रोत्साहित
आदिम जनजातियों को उनके घर तक जन प्रणाली के डीलर द्वारा राशन पहुंचाने का निर्देश दिया गया. वहीं, पीएम आवास के लिए जरूरतमंदों का चयन कर सूची भेजने का निर्देश बीडीओ को दिया गया. डीसी ने युवाओं को मेहनत कर जीवन यापन करने का सुझाव दिया. कहा कि प्रशासन गांव के विकास एवं युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है. इसलिए गलत रास्ते पर जाने की बजाय मुख्यधारा से जुड़कर अपने भविष्य को बेहतर बनाएं.
ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से किया डीसी का स्वागत
पाल्हे के ग्रामीणों के लिए यह पहला अवसर था जब आजादी के बाद कोई प्रशासनिक पदाधिकारी उनके गांव पहुंचा था. पदाधिकारियों के आने की सूचना पाकर ग्रामीण काफी खुश थे. ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से डीसी समेत अन्य पदाधिकारियों का स्वागत किया. स्वागत की तैयारी में ग्रामीण सक्रिय नजर आये. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पाल्हे गांव में उत्सव का आयोजन हो रहा है. गांव के महिला-पुरुष व बच्चे प्रशासनिक पदाधिकारियों के स्वागत एवं सेवा में अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ा. ढोल-नगाड़ा के साथ स्वागत किया गया. पदाधिकारियों बैठने के लिए ग्रामीणों ने कुर्सी को भी फूल से सजाया था. इस दौरान डीसी ने बच्चों के लिए साथ में कपड़े लेकर गये थे जिसे वितरित किया गया. डीसी की आने की खबर के बाद गुरुवार की सुबह से ही करकट्टा से लेकर डकनीया पहाड़ तक सड़क की मरम्मत कराई गयी. डीसी पैदल ही डकनिया पहाड़ की चढ़ाई कर पाल्हे गांव पहुंचकर लोगों की हाल जाना और कहा कि जल्द ही गांव की सूरत बदलेगी.
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