12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सड़क व पानी के लिए तरस रहे आदिम जनजाति

रजडेरवा गांव में बुनियादी सुविधाअों का अभाव, बिना बोरिंग के संवेदक ने लगा दिया जलमीनार, पानी भी नहीं मिल रहा

नौडीहा बाजार. प्रखंड का सीमावर्ती इलाका छतरपुर प्रखंड के हुलसम पंचायत का रजडेरवा व बसंतपुर गांव जंगलों और पहाड़ों के बीच बसा हुआ है. प्रखंड मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर एवं जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. गांव तक जाने के लिए कोई अच्छी सड़क नहीं है. लोग जंगल-झाड़ी और घाटी वाली रास्ते से आठ किलोमीटर दूर पहाड़ पार कर राशन लाते हैं. रजडेरवा गांव में 10 घर यादव व 20 घर आदिम जनजाति परहिया के लोग रहते हैं. इस गांव तक बिजली पहुंच गयी है, लेकिन लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. यहां नल-जल योजना के तहत सोलरयुक्त जलमीनार लगा दिया गया है, लेकिन बोरिंग नहीं की गयी है. जबकि कुछ घरों में नल के लिए पाइप का कनेक्शन भी कर दिया गया है. इस गांव में एक चापाकल और एक कुआं है. अत्यधिक गर्मी के कारण चापाकल सूखने लगा है. ऐसे में ग्रामीण कुआं का गंदा पानी पीने को विवश हैं. वहीं नल-जल योजना के ठेकेदार अजय तिवारी ने बताया कि रजडेरवा गांव तक सड़क नहीं होने के कारण बोरिंग गाड़ी नहीं पहुंच सकी. इस कारण बोरिंग नहीं हो पायी. अच्छी सड़क नहीं होने से टूट जाता है बेटियों का शादी का रिश्ता : ग्रामीण जगदेव यादव, सीताराम परहिया, रामनाथ परहिया सहित अन्य ने बताया कि कुछ लोगों को पेंशन, राशन कार्ड व आवास मिला है. जबकि कुछ लोग अब भी इन लाभों से वंचित हैं. गांव तक अच्छी सड़क व पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बेटियों की शादी के रिश्ते टूट जाते हैं. क्या कहती हैं मुखिया : मुखिया लखेश्वरी देवी ने कहा कि रजडेरवा गांव में पहले से लगे चापाकल में जलमीनार के मोटर को लगा कर छोड़ दिया था. जब कुछ दिन पहले ठेकेदार से बात की, तो उसने कहा कि इस वर्ष हर हाल में बोरिंग करा कर जलमीनार को चालू करा देंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें