आमसभा के माध्यम से ही स्थान का चयन हो प्रतिनिधि: पांकी प्रखंड के नौडीह पंचायत वन स्थित परसावां गांव में सरना स्थल की चहारदीवारी का निर्माण कार्य पर स्थानीय आदिवासी समाज के लोगों ने रोक लगा दी है. आदिवासी समाज का कहना है कि सरना के लिए चहारदीवारी का निर्माण गलत स्थान पर किया जा रहा है, जो नदी, नाला, तालाब और भुइयां समाज के श्मशान घाट से घिरा हुआ है. यह स्थान सरना स्थल के लिए उपयुक्त नहीं है. सिंचाई के लिए उपयोगी तालाब को भर दिया जा रहा है, बल्कि रास्ते को भी अवरुद्ध कर दिया गया है. आदिवासी समाज का कहना है कि सरना स्थल का निर्माण आमसभा के माध्यम से चयनित स्थान पर किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. साथ ही निर्माण स्थल पर न तो कोई शिलापट्ट भी नहीं लगाया गया है. जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका शिलान्यास किया गया है. आदिवासी समाज के लोगों को मानना है कि इस गलत निर्माण कार्य में सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है. आरोप लगाया कि ठेकेदार और संबंधित विभाग के अधिकारी मिलकर इस कार्य में बंदरबांट कर रहे हैं.गांव के आदिवासी समाज ने उचित स्थान पर सरना स्थल के निर्माण की मांग की है. चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. यमुना उरांव का कहना है कि सरना स्थल आदिवासियों के पूजा पाठ करने का स्थान होता है. चाहरदीवारी का निर्माण उक्त स्थल पर करना है, लेकिन नाला के किनारे गड्ढा खोदकर पिलर लगाने का प्रयास किया जा रहा था, जिसका विरोध किया गया है. उसने बताया कि कि किसी भी कीमत पर दूसरे स्थान पर निर्माण नहीं कराने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों का हक आज भी मारा जा रहा है. लेकिन इसे रोकने में सरकार व जिला प्रशासन भी विफल है. योजना की स्वीकृति कब हुई और ग्राम सभा टेबल पर ही कर दिया गया. बिचौलिया पूरी तरह से हावी है. उसने कहूंगा कि इसके लिए आदिवासी समाज एकजुट है. मौजूद लोगों ने इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष की बात कही. मौके पर संदीप उरांव, संजय उरांव, सूरज उरांव, बिमलेश उरांव, सुरेन्द्र उरांव, कृष्णा उरांव, अंचल उरांव, मुकेश उरांव, कमलेश उरांव, सुरेश उरांव, अखिलेश उरांव, बैजनाथ, उरांव श्याम सुंदर उरांव सहित कई लोग शामिल थे.
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