मोहम्मदगंज. भीम बराज से निकली मुख्य कोयल नहर के पानी से रबी फसलों की सिंचाई की सुविधा अब तक हुसैनाबाद अनुमंडल के किसानों को नहीं मिल सकी है. समझौता के अनुसार इसकी जिम्मेदारी मेदिनीनगर के जल संसाधन विभाग की है. पिछले वर्ष भी रबी फसल की सिंचाई के लिए कोयल नहर से किसानों को पानी नहीं मिल सका था. खरीफ फसल के लिए बराज का संचालन बिहार के औरंगाबाद जिला का जल संसाधन विभाग करता है. खरीफ फसल की सिंचाई पूरी होने के बाद रबी फसल के लिए बराज का संचालन मेदिनीनगर जल संसाधन विभाग को सौंपा गया है. दरअसल एकीकृत बिहार में चार जुलाई 1992 को निर्मित बिहार राज्य के बंटवारे के बाद झारखंड सरकार के साथ कई दौर की उच्च स्तरीय वार्ता में इसके संचालन के लिए हुए समझौता के अनुसार आठ माह के लिए रबी फसल की सिंचाई झारखंड व चार माह के लिए खरीफ फसल की सिंचाई बिहार के जल संसाधन विभाग के अन्य इकाइयों को सौपी गयी है.
उपकरणों की मरम्मत नहीं होने के कारण हो रही है परेशानी
उत्तर कोयल परियोजना बांध व बराज प्रमंडल मोहम्मदगंज कार्यालय ने बराज के कई उपकरणों की मरम्मत की जरूरत बतायी है. बताया गया है कि 20 सितंबर 2022 को आयी बाढ़ के दौरान बराज का 36 नंबर गेट का काउंटर वेट टूट कर लटक गया है. दो साल बाद भी इसकी मरम्मत नहीं की गयी है. बराज संचालन के लिए निर्मित कंट्रोल रूम के पैनल रूम की मरम्मत अनिवार्य बतायी गयी है. बराज संचालन के लिए पैनल स्थापित होने के समय ही इस के रूम, खिड़की व ग्रिल गेट विहीन है. खुले में पैनल का संचालन जोखिम भरा होता है. बराज के 40 गेट के ऊपर फाटकों के संचालन के लिए लगा सभी मोटर का स्टार्टर बॉक्स का लॉक टूट हुआ है. बराज की डीएलआर ब्रिज की सफाई, रंगाई व पुताई की भी जरूरत बतायी गयी है. बराज का कंक्रीट स्ट्रक्चर व सभी फाटकों में जंग लगना शुरू हो गया है. फाटकों को जंग लगने से बचाने के लिये ब्लैक पेंटिंग और पुराने हो गये बराज के सभी स्टील स्ट्रक्चर की पेंटिंग कराने की जरूरत है. उपकरणों की मरम्मत शीघ्र कराने को लेकर अधीक्षण अभियंता कधवांन बांध अंचल गढ़वा, शिविर मेदिनीनगर को सूचना दी गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है