सतबरवा. भारतमाला परियोजना के तहत रांची से विंढमगंज तक फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है. द्वितीय चरण के तहत सड़क निर्माण कार्य के लिए लातेहार के उदयपुर से मेदिनीनगर सदर प्रखंड के भोगू गांव तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण हो चुका है. मुआवजा राशि की भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. सड़क निर्माण में सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के 22 गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन रैयतों की जा रही है. लेकिन रैयत मुआवजा की राशि कम होने का आरोप लगाते हुए इसे लेने से इंकार कर रहे हैं. जिसे लेकर बीते 28 मई को पलामू अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में सतबरवा प्रखंड सभागार में रैयतों की बैठक भी हुई थी. जिसमें मेदिनीनगर सदर एसडीओ तथा सतबरवा सीओ कृष्ण मुरारी भी मौजूद थे. बैठक में बात नहीं बन पायी थी. रविवार को सड़क निर्माण कार्य में लगी एजेंसी के कर्मी मशीनों के साथ शाहगंज गांव पहुंचे. जहां रैयतों ने बिना मुआवजा राशि के भुगतान का आरोप लगाते हुए सड़क निर्माण कार्य का विरोध किया. सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की खबर सुनते ही सैकड़ों की संख्या में रैयत कार्यस्थल पर पहुंच गये. एनएचएआइ के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी व कर्मियों को खदेड़ दिया. इसकी सूचना मिलने पर सतबरवा थाना प्रभारी अंचित कुमार दलबल के साथ पहुंचे. रैयतों को समझा कर मामला शांत कराया. इस दौरान रैयत सुभाष चंद्र बोस, जितेंद्र चौधरी, बजरंगी प्रसाद, अविनाश कुमार, राधा देवी, सुनीता देवी, गणेश सिंह ने आरोप लगाया कि विभाग के लोग रंगदारी व मारपीट पर उतारू हो गये हैं. ऐसे में प्रशासन तथा रैयतों के बीच चल रही बातचीत पर असर पड़ सकता है. जिला प्रशासन व एनएचएआइ रैयतों की जमीन कौड़ी के भाव में लेना चाहते हैं. लेकिन 22 गांव के रैयत एक साथ हैं. सरकार तथा विभाग को अधिग्रहित जमीन के बदले वर्तमान बाजार भाव की दर से मुआवजे की राशि देनी होगी, तभी हम सब अपनी जमीन देंगे. उचित मुआवजा राशि के भुगतान होने तक विरोध जारी रहेगा. मौके पर खामडीह, रजडेरवा, ताबर, पोंची, सतबरवा, बकोरिया, तुम्बागड़ा समेत कई गांव के रैयत मौजूद थे. मालूम हो कि पूर्व में भी कसियाडीह गांव की एक वृद्धा से जबरन एलपीसी के कागजात पर अंगूठा लगवाने का आरोप लगाते हुए रैयतों ने थाना को सूचना दी थी. फोटो 9 डालपीएच- 2
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