पुरानी रंजिश में हुई थी पूर्व कांग्रेस नेता राजमोहन की हत्या

चैनपुर में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा, दो सगे भाई समेत तीन गिरफ्तार

By Prabhat Khabar News Desk | March 30, 2024 9:04 PM

मेदिनीनगर

. चैनपुर में पूर्व कांग्रेस नेता राजमोहन पोलू व बिजली मिस्त्री राकेश कुमार दास की हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी सगे भाई रवि चंद्रवंशी, राहुल चंद्रवंशी व उसके दोस्त विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है. एसपी रीष्मा रमेशन ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 10 वर्ष पूर्व राजमोहन पोलू ने किसी विवाद में रवि चंद्रवंशी व राहुल चंद्रवंशी के माता-पिता का हाथ-पैर मारकर तोड़ दिया था. इससे दोनों भाई काफी नाराज थे. राजमोहन पोलू ने वर्ष 2016 में जिस व्यक्ति की हत्या की थी, उसमें उसे सजा हुई थी. इस मामले में रवि, राहुल के माता-पिता भी गवाह थे. आरोपी इस बात से भी नाराज रहते थे कि राजमोहन पोलू किसी भी बात को लेकर राइफल तान देता था. पुलिस ने घटनास्थल से टूटे हुए राइफल का मैगजीन लगा बैरल, आरोपियों के पास से एक देसी कट्टा, एक जिंदा गोली, खून लगा आरोपी रवि चंद्रवंशी का जींस एवं शर्ट व एक स्मार्टफोन बरामद किया है. छापामारी टीम में एसडीपीओ मणि भूषण प्रसाद, प्रशिक्षु डीएसपी राजीव रंजन, चैनपुर थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी, पुलिस अवर निरीक्षक अनिल विद्यार्थी, रंजीत कुमार, राजकुमार मेहता, सहायक अवर निरीक्षक एस आलम सिद्दीकी, रामचंद्र चौधरी, आरक्षी अनुराग सिंह, सत्येंद्र कुमार मेहता व सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.

प्रतिशोध में दिया घटना को अंजाम

एसपी ने बताया कि प्रतिशोध की भावना से 27 मार्च को उक्त दोनों भाई दोस्त विशाल के साथ राजमोहन पोलू के पास गये थे. वहां बिजली का तार जोड़ने का बहाना बनाकर विवाद शुरू किया था. इसके बाद राजमोहन पोलू ने उक्त तीनों पर राइफल तान दी. तब राहुल चंद्रवंशी ने देसी कट्टा से पोलू पर फायर किया. लेकिन वह मिस फायर हो गया. इसके बाद इन लोगों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गयी. इसी क्रम में राहुल चंद्रवंशी ने राजमोहन पोलू से राइफल छीनकर बट से उसके सिर पर जोरदार प्रहार कर दिया. जिससे राजमोहन जमीन पर गिर गया. बीच-बचाव करने गये बिजली मिस्त्री राकेश दास के सिर पर भी तीनों आरोपियों ने राइफल के बट से प्रहार किया. जिससे राइफल टूट गयी. वहीं राकेश लड़खड़ाते हुए कुछ दूर जाकर गिर गया. इसके बाद तीनों राजमोहन पोलू पर टूट पड़े. राइफल के टूटे हिस्से, बोल्ट और बांस के डंडा से तब तक प्रहार करते रहे, जब तक की उसकी मौत नहीं हो गयी. वहीं राजमोहन पोलू की मौत के बाद बिजली मिस्त्री की भी लाठी-डंडा से पिटाई की. जिससे उसकी भी मौत हो गयी. इसके बाद आरोपी फरार हो गये.

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