65 लाख का कच्चा स्प्रिट बरामद, एक गिरफ्तार
बंगाल से टैंकर, हाइवा, पिकअप वाहन से लाया गया था 20 हजार लीटर स्प्रिट
छतरपुर. पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र के नेयूरीबार गांव के रूपचंदडीह टोला स्थित सुदेश्वर भुइयां के घर के पास से शुक्रवार की रात करीब 65 लाख का अवैध कच्चा स्प्रिट बरामद किया गया. एसडीपीओ नौशाद आलम के नेतृत्व में की गयी कार्रवाई में यह सफलता मिली. एसडीपीओ ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन के निर्देश पर टीम बनाकर कार्रवाई की गयी. लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से बंगाल से कच्चा स्प्रिट टैंकर, हाइवा व पिकअप वाहन में लाया गया था. एसडीपीओ ने बताया कि टैंकर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं एक कार को भी जब्त किया गया है. कार्रवाई में छतरपुर व नौडीहा बाजार पुलिस शामिल थी. उन्होंने बताया कि नेयूरीबार गांव के रूपचंदडीह टोला पहुंचने पर पुलिस ने देखा कि सुदेश्वर भुइयां के घर के पास एक टैंकर (पीबी65एए-9213), एक पिकअप (जेएच03जेड-6026), एक हाइवा (जेएच02एभी-5415) व एक कार (जेएच 02बीएफ-4676) खड़ी है और कुछ लोग स्प्रिट को टैंकर से अनलोड करने में लगे हैं. पुलिस पर नजर पड़ते ही सभी भाग निकले. लेकिन जवानों ने एक व्यक्ति को धर दबोचा. पकड़े गये व्यक्ति ने खुद को टैंकर का चालक भीम सिंह बताया. वह पंजाब के मोहाली जिला के थाना डेराबसी के कारकौर गांव का रहने वाला है. उसने पूछताछ में बताया कि कच्चा स्प्रिट आसनसोल (बंगाल) से लेकर आया था. टैंकर को शराब माफिया द्वारा छतरपुर और नौडीहा बाजार के आसपास के जंगली इलाकों में खाली करना था. एसडीपीअो के अनुसार हाइवा में 150 व पिकअप में 25 गैलन में करीब 20 हजार लीटर स्प्रिट था. जिसका मूल्य लगभग 65 लाख रुपये है. इधर, भारी मात्रा में कच्चा स्प्रिट मिलने की सूचना पर पलामू के उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार रात्रि करीब 12 बजे रूपचंदडीह टोला पहुंचे. पूरे मामले की छानबीन की. अभियान में अंचल निरीक्षक द्वारिका राम, थाना प्रभारी राजेश रंजन, नौडीहा थाना प्रभारी अमित कुमार द्विवेदी, अवर निरीक्षक राहुल कुमार, अनिल कुमार रजक, अख्तर अंसारी, सुभाष कुमार, उमर हुसैन, अरविंद कुमार, नवीन कुमार, अजय उरांव के अलावे पुलिस के जवान शामिल थे. छह करोड़ से अधिक की बनती शराब उत्पाद विभाग के लोगों ने बताया कि पकड़े गये कच्चे स्प्रिट से शराब बनाने के बाद इसका बाजार मूल्य छह करोड़ से अधिक होता. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता.
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