PTR के 210 परिवारों का किया जा रहा पुनर्वास, भूमि व मुआवजा के लिए सांसद-विधायक को लिखा गया पत्र
पीटीआर के कुजरूम और लाटू गांव को पुनर्वास किया जाना है. इनमें 210 परिवार हैं, सभी को भूमि और मुआवजे की राशि बांटने के लिए डिप्टी डायरेक्टर ने सांसद और विधायक को पत्र लिखा.
लातेहार/बेतला, संतोष : पलामू टाइगर रिजर्व के कुजरूम और लाटू गांव के 210 परिवारों का पुनर्वास करने के गतिरोध को दूर करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने सांसद, विधायक, जिप अध्यक्ष, सदस्य आदि को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया है कि कुजरूम के 120 और लाटू के 90 परिवारों को पुनर्वास के लिए प्रस्ताव समर्पित किया गया है. विभाग को इसके लिए पहले फेज में प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये प्रदान करने के लिए आवंटन भी प्राप्त हो गया है. लोगों को पुनर्वास करने के लिए लाई पैला पाथल के 166 हेक्टेयर और पोलपोल के 133 .64 हेक्टेयर भूमि का चयन भी कर लिया गया है. इस भूमि का चुनाव भी कुजरूम और लाटू गांव के लोगों के द्वारा बनाई गई कमेटी ने किया है. यह भूमि प्रखंड व जिला मुख्यालय से सटा हुआ है. जिसके कारण यहां पुनर्वास करने वाले परिवारों को शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. जबकि वर्तमान समय में वहां न तो सड़क है और न ही अन्य कोई कार्यो को किया जा सकता है.
फैलाई जा रही है ये अफवाह
केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों के मुकाबले झारखंड में हाथी की संख्या कम है. बावजूद इसके यहां सबसे अधिक लोग हाथी के शिकार हो रहे हैं. यदि कुजरूम लाटू के लोगों को पुनर्वास किया जाता है तो यह उनके लिए हितकारी होगा. इतना ही नहीं एक भूमिहीन परिवार को भी 60 लाख रुपये उनके खाते में भेजा जाएगा. साथ ही 10 एकड़ रैयती भूमि व मकान निर्माण कराया जाएगा. वहीं, अन्य सुविधाओं के लिए भी 30 लाख रुपये अलग से दिये जाएंगे. इधर अफवाह यह भी फैलायी जा रही है कि वन विभाग के द्वारा पुनर्वास करने वाले दोनों गांव को कम भूमि उपलब्ध करायी जा रही है. जबकि प्रावधान के मुताबिक ही गांवों को पुनर्वास के लिए भूमि उपलब्ध करायी रही है. इसलिए यह आरोप पूरी तरह से गलत है.
डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने पत्र के माध्यम से कहा है कि समिति का निर्माण करके विभाग को जो राशि उपलब्ध करायी गयी है, उसे पुनर्वासित लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा है कि पुनर्वास की राह में आने वाले सभी अड़चनों को दूर करने के लिए अनुरोध है कि इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई जाए और पूरी पारदर्शिता के साथ लाटू और कुजरूम के भलाई के लिए प्रावधान के मुताबिक पुनर्वासित परिवारों को भूमि आवंटित कराया जाए. ताकि भविष्य में भी किसी भी तरह का आरोप विभाग पर नहीं लगाया जा सके.