पाटन. पाटन-नावाजयपुर-पदमा मुख्य सड़क की हालत अत्यंत जर्जर है. इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. इसके निर्माण को लेकर क्षेत्र के लोगों ने कई बार आवाज उठायी, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने ठोस कदम नहीं उठाया. लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी भी दे डाली. बावजूद कोई पहल नहीं हुई. ज्ञात हो कि पाटन-नावाजयपुर मुख्य सड़क की निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2012-13 में मिली थी. तब तत्कालीन सांसद कामेश्वर बैठा व तत्कालीन विधायक सुधा चौधरी में शिलान्यास को लेकर विवाद हो गया था. सांसद व विधायक ने अलग-अलग स्थान पर शिलान्यास किया. लेकिन सड़क निर्माण हो रहा है या नहीं. अगर हो रहा है, तो कैसा हो रहा है इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. सांसद-विधायक सिर्फ शिलापट्ट पर नाम लिखाने तक ही सिमट कर रह गये. जबकि ग्रामीणों ने घटिया निर्माण को लेकर सड़क भी जाम किया था. रांची की टीम ने इसकी जांच की थी. इसी बीच पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अबकी बार विधानसभा पहुंचे, तो सबसे पहले संवेदक को ब्लैक लिस्टेड करायेंगे. सड़क को भी फिर से बनवायेंगे. लोगों ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में राधाकृष्ण किशोर को पांचवीं बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा भेजा. लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह जनता से किया वादा भूल गये. न तो संवेदक पर कोई कार्रवाई करा सके और न ही सड़क बनवा सके. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में राधाकृष्ण किशोर, पुष्पा देवी व सुधा चौधरी चुनावी समर में थे. तब भी सड़क का मुद्दा प्रमुख था. लोगों ने फिर एक बार इस सड़क का निर्माण कराने की मांग की है. मांग करने वालों में रूदीडीह पंचायत की मुखिया मधुबाला देवी, पूर्व मुखिया टिकैत प्रसाद अखड़िया, ग्रामीण संतोष कुमार, बिपिन बिहारी, कृष्णा प्रसाद, प्रेमचंद प्रसाद, वार्ड सदस्य गोपाल राम, अजय चौहान, यार मोहम्मद, संजीत कुमार, अभिमन्यु कुमार, छोटू अंबेडकर, रुद्र प्रताप, गोविंद मेहता समेत कई लोगों का नाम शामिल है.
वोट बहिष्कार की चेतावनी के बाद भी नहीं बनी सड़क
पाटन-नावाजयपुर-पदमा मुख्य सड़क अत्यंत जर्जर
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