सतबरवा. भारत माला परियोजना के तहत रांची से विंढमगंज तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके तहत उदयपुर से भोगू गांव तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण होने के बाद मुआवजे की राशि के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. सतबरवा प्रखंड क्षेत्र के 20 गांव के सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. लेकिन रैयतों ने मुआवजा राशि कम देने का आरोप लगाते हुए राशि लेने से इंकार कर दिया है. कई रैयतों ने एलपीसी बनाने से भी इंकार कर दिया है. जिसकी लिखित सूचना पलामू डीसी शशि रंजन तथा अपर समाहर्ता पलामू को भी दी गयी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर समाहर्ता कुंदन कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को सतबरवा प्रखंड सभागार में रैयतों के साथ बैठक की गयी. जिसमें काफी संख्या में रैयत शामिल हुए. बैठक के दौरान पिपरा गांव के सुभाष चंद्र बोस, ठेमा गांव के संजय यादव, तुम्बागड़ा के धीरज कुमार, बकोरिया गांव के पीतांबर यादव, संत कुमार मेहता, खामडीह गांव के जगन्नाथ सिन्हा समेत कई रैयतों ने अपनी बात रखी. संजय यादव ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन रैयतों की अनदेखी कर रहे हैं. ठेमा गांव की जमीन प्रति डिसमिल एक लाख रुपये से भी अधिक की दर से बिक रही है, लेकिन इसी जमीन की सड़क निर्माण कार्य में 5700 रुपये डिसमिल मुआवजा राशि तय की गयी है. सुभाष चंद्र बोस ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के पूर्व किसी भी गांव में ग्राम सभा नहीं की गयी. जिन रैयतों को नोटिस दिया गया है, उसमें भूमि का जिक्र तो किया गया है मगर मुआवजे की राशि नहीं दिखायी गयी है. जिसके कारण रैयतों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने विभाग पर रैयतों को बरगलाकर सबसे कम मुआवजा देकर भूमि पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया. वहीं पीतांबर यादव ने कहा कि कई ऐसे आदिवासी परिवार, जो पीढ़ी दर पीढ़ी जमीन को जोत-कोड कर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं, जिनका जमीन पर दखल तो है, पर कागजात नहीं है. वैसे लोगों को भी मुआवजा मिलना चाहिए. अन्य रैयतों ने कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक 20 गांव के रैयत निर्माण कार्य का विरोध करेंगे. बैठक के अंत तक दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन सकी. भीषण गर्मी के बावजदू बैठक में काफी संख्या में रैयत शामिल हुए. मुआवजा राशि पर आपत्ति, तो कानूनी लड़ाई लड़ें : अपर समाहर्ता कुंदन कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में अधिग्रहित भूमि के रैयतों को मुआवजे की राशि ले लेनी चाहिए, ताकि सड़क निर्माण कार्य शुरू हो सके. उन्होंने कहा कि जिन रैयतों को मुआवजे की राशि को लेकर आपत्ति है, उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए. नियम संगत हर संभव मदद की जायेगी. अपर समाहर्ता ने कहा कि जिस आधार पर आप अधिक मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं, उस मौजा की भूमि अधिग्रहण के पूर्व की जमीन बिक्री का डीड नंबर प्रस्तुत करना चाहिए. विभाग तथा रैयतों के बीच असमंजस की स्थिति हर हाल में खत्म होनी चाहिए. इस दौरान मेदिनीनगर सदर एसडीएम अनुराग तिवारी ने कहा कि मौजा के हिसाब से जमीन की राशि तय की गयी है. ऐसे में जिन रैयत का मकान तथा अन्य सामग्री है, तो उसका मुआवजा अलग से दिया जायेगा. ऐसे में किसी भी रैयत को परेशानी होती है, तो सीओ, एसडीएम तथा अपर समाहर्ता कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. मौके पर सतबरवा सीओ कृष्ण मुरारी तिर्की समेत कई लोग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है