मेदिनीनगर. पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने सिकल सेल एनीमिया को आनुवांशिक बीमारी बताया. बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएस डॉ कुमार ने सिकल सेल एनीमिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिकल सेल एनीमिया रोग बच्चे को अपने माता पिता से मिलती है. यदि पति- पत्नी दोनों में जीन दोष पाया गया, तो निश्चित रूप से उनका बच्चा इस बीमारी से पीड़ित हो जायेगा. ऐसी स्थिति में शादी से पहले ही लड़का एवं लड़की का सिकल सेल एनीमिया की जांच अनिवार्य रूप से करा लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि यदि पति या पत्नी किसी एक में सिकल सेल एनीमिया पाया जाता है, तो उसका असर बच्चा पर नहीं पड़ेगा. सिकल सेल एनीमिया शरीर के भीतर लाल रक्त कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देती है. इस कारण लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बिगड़ जाता है और उसका लचीलापन खत्म हो जाता है.इस वजह से शरीर में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है और कई तरह की परेशानी उत्पन्न होने लगती है.यह हीमोग्लोबिन को भी प्रभावित करता है. इतना ही नहीं लाल रक्त कोशिकाएं अपना कार्य सही तरीके से नहीं कर पाती है.खून की जांच कराने के बाद ही सिकल सेल एनीमिया की स्थिति स्पष्ट होगी. इस बीमारी की वजह से संक्रमण, दर्द एवं थकान महसूस होता है. यह बीमारी हार्ट, किडनी, लिवर, आंख सहित अन्य पर प्रहार करता है. पलामू में सिकल सेल एनीमिया के 10 पॉजिटिव
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की निर्देश के आलोक में सिकल सेल एनीमिया की जांच करायी जा रही है. पिछले करीब तीन माह में 40 वर्ष से कम उम्र के 48029 लोगों का स्क्रीनिंग हुआ है. इसमें 10 लोग पॉजिटिव पाये गये हैं, जबकि 34 लोगों का रिपोर्ट सस्पेक्टिव कैरियर है और 13 लोगों के जांच की प्रक्रिया चल रही है. सीएस ने बताया कि पलामू जिला को एक लाख लोगों का सिकल सेल एनीमिया जांच करने का लक्ष्य मिला है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जांच का दायरा बढ़ाया गया है. सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था है. इसके अलावा सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम को जांच कीट उपलब्ध कराया जायेगा. मौके पर डीपीएम दीपक गुप्ता,डा प्रेमचंद कुमार मौजूद थे.
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