झारखंड: घर में जमीन पर सो रहा था दंपति, सांप काटने से पति-पत्नी की मौत, झाड़-फूंक ने ले ली जान
जानकारी के अनुसार 54 वर्षीय बैजनाथ साव और 51 वर्षीय उसकी पत्नी पुष्पा देवी घर के कमरे में जमीन पर सो रहे थे. जहरीले सांप ने बैजनाथ को डंस लिया. दर्द से बैजनाथ की नींद खुल गयी और हड़बड़ाहट में सांप देख उसे हाथ से उठाकर झटक दिया. सांप पास ही सो रही पुष्पा देवी पर जा गिरा और उसने पुष्पा को भी डंस लिया.
छतरपुर(पलामू),राजीव सिन्हा: पलामू जिले के नौडीहा बाजार प्रखंड के गुलाबझरी गांव के नावाडीह टोला में बीती रात सर्पदंश (सांप काटने से) से पति-पत्नी की मौत हो गयी. दंपति को शुरुआत में प्राथमिक इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टर के पास ले जाया गया. बाद में उन्हें झाड़-फूंक के लिए ले जाया गया. स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने के बाद उन्हें सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि इलाज कराने के बजाए झाड़-फूंक से इनका स्वास्थ्य और खराब होता गया. बिना देर किए इन्हें बेहतर इलाज मिलता, तो इनकी जान बच सकती थी. अंधविश्वास में इनकी मौत हो गयी. मृतक बैजनाथ के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं. इनमें एक बेटे और दो बेटियों की शादी कर चुका था. बड़ा बेटा दूसरे राज्य में मजदूरी का काम करता है. दो बेटा और एक बेटी बारह वर्ष से कम आयु के हैं.
घर में जमीन पर सो रहा था दंपति
जानकारी के अनुसार 54 वर्षीय बैजनाथ साव और 51 वर्षीय उसकी पत्नी पुष्पा देवी घर के कमरे में जमीन पर सो रहे थे. जहरीले सांप ने बैजनाथ को डंस लिया. दर्द से बैजनाथ की नींद खुल गयी और हड़बड़ाहट में सांप देख उसे हाथ से उठाकर झटक दिया. सांप पास ही सो रही पुष्पा देवी पर जा गिरा और उसने पुष्पा को भी डंस लिया. बैजनाथ ने शोर मचाया. इससे घरवालों के अलावा आसपास के लोग जाग गए और दोनों को छतरपुर के निजी डॉक्टर के पास ले गए, जहां उन दोनों का इलाज किया गया.
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प्राथमिक इलाज के बाद झाड़-फूंक कराने ले गए थे परिजन
प्राथमिक इलाज के दौरान दंपति की स्थिति बिगड़ती गयी तो परिजनों ने दोनों को नौडीहा बाजार के अति सुदूरवर्ती जंगलों से घिरा कोसियारा गांव झाड़-फूंक कराने ले गए, जहां उनकी झाड़-फूंक की गयी. इससे भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
डॉक्टरों ने कर दिया मृत घोषित
जब उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो मुखिया देवंती देवी के पति सत्येंद्र चौधरी और शिक्षक संतोष कुमार सिंह कोसीयारा गांव जाकर बैजनाथ और उसकी पत्नी पुष्पा को अनुमंडलीय अस्पताल छतरपुर लाए, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
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झाड़-फूंक में चली गयी पुष्पा देवी की जान
ग्रामीणों ने बताया कि सर्पदंश से बैजनाथ की रात में ही मौत हो गयी थी, पर उसकी पत्नी पुष्पा जीवित थी. उसे झाड़-फूंक नहीं कराकर समय पर अनुमंडलीय अस्पताल लाया जाता, तो उसकी जान बचायी जा सकती थी. अंधविश्वास के कारण पुष्पा की जान चली गयी.
ये हैं मृतक दंपति के परिवार में
मृतक बैजनाथ के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं. इनमें एक बेटे और दो बेटियों की शादी कर चुका था. बड़ा बेटा दूसरे राज्य में मजदूरी का काम करता है. दो बेटा और एक बेटी बारह वर्ष से कम आयु के हैं.
चार लाख रुपये मुआवजा का है प्रावधान
मुखिया के पति सत्येंद्र चौधरी ने घटना की जानकारी नौडीहा बाजार के बीडीओ सह सीओ जितेंद्र मंडल को दी, तो उन्होंने बताया कि सर्पदंश से मौत होने पर आपदा राहत के तहत एक व्यक्ति को चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. इसलिए पति-पत्नी का पोस्टमार्टम कराया जाए. इसके बाद परिजनों को इसकी जानकारी देकर सत्येंद्र ने पोस्टमार्टम के लिए राजी कराया और दोनों शवों के पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर भेज दिया गया.
सांप काटने पर कराएं इलाज
सांप काटने पर झाड़-फूंक या ओझा-गुनी में वक्त बर्बाद करने की जगह तुरंत अस्पताल पहुंचे. अंधविश्वास में कई लोगों की जान चली जा रही है. समय पर इलाज होने से लोगों की जान बचायी जा सकती है. इसलिए सांप काटने पर तुरंत अस्पताल ले जाने की सलाह दें.