पलामू के कैंसर पीड़ित प्रमोद का सामाजिक बहिष्कार, दर-दर की ठोकरें खाने को है मजबूर
मोहम्मदगंज (पलामू) : लॉकडाउन के पूर्व प्रमोद कुमार चन्द्रवंशी नई दिल्ली में मजदूरी कर अपना पेट पालता था. अब मोहम्मदगंज में भीख मांगकर गुजरा करता है. उसने बताया कि नासूर जख्म के कारण अब खाने भी नहीं बनता है. एक सप्ताह से खाना भी छोड़ दिया है. घर व गांव वाले भी कोई मदद को तैयार नहीं. जख्म के कारण उसका बहिष्कार कर दिया है. उसका बसेरा इस कारण मोहम्मदगंज स्टेशन परिसर बना हुआ है.
मोहम्मदगंज (पलामू) : लॉकडाउन के पूर्व प्रमोद कुमार चन्द्रवंशी नई दिल्ली में मजदूरी कर अपना पेट पालता था. अब मोहम्मदगंज में भीख मांगकर गुजरा करता है. उसने बताया कि नासूर जख्म के कारण अब खाने भी नहीं बनता है. एक सप्ताह से खाना भी छोड़ दिया है. घर व गांव वाले भी कोई मदद को तैयार नहीं. जख्म के कारण उसका बहिष्कार कर दिया है. उसका बसेरा इस कारण मोहम्मदगंज स्टेशन परिसर बना हुआ है.
प्रमोद कुमार चन्द्रवंशी उर्फ पप्पू ( 22 वर्ष) पलामू जिले के मोहम्मदगंज प्रखंड की भजनीय पंचायत का रहनेवाला है. इन दिनों वह अपनी लाइलाज बीमारी से अपनी मौत के करीब पहुंचता जा रहा है. उसके मुंह में नासूर जख्म बना है. बायें गाल में सुराख बना है. जो बढ़ता जा रहा है. जख्म से दुर्गंध देना शुरू हो गया है. पप्पू बताता है कि दो माह से मुंह में एक जख्म है, जो इन दिनों फट कर गाल में सुराख बना दिया है.
उसने बताया कि भजनीय के मुखिया के पास भी इलाज के लिए मदद मांगी, लेकिन वह भी इनकार कर गये हैं. कुछ लोग के कहने पर प्रमोद मोहम्मदगंज व हैदरनगर के सरकारी चिकित्सक से अपने जख्मों का इलाज कराया, जो ठीक नहीं हो सका. उसका जख्म लाइलाज बन कर बढ़ता ही जा रहा है. इधर, मोहम्मदगंज के चिकित्सक बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि उक्त युवक उनके पास भी इलाज के लिए पहुंचा था. उसका जख्म कैंसर का रूप ले चुका है. उसका इलाज बड़े अस्पताल में कराने की सलाह दी गयी है. उसका जख्म नासूर बनता जा रहा है. इलाज की उसे सख्त जरूरत है. सामाजिक बहिष्कार के कारण इन दिनों वह दर-दर की ठोकरें खा रहा है. उसके जख्मों पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं है.
Posted By : Guru Swarup Mishra