दशरथ मांझी की जयंती पर प्रतिमा का अनावरण
बुधवार को शहर के बीसफुटा पुल के समीप बजराहा में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की 95वीं जयंती मनायी गयी. सामाजिक न्याय परिषद ने जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया.
मेदिनीनगर. बुधवार को शहर के बीसफुटा पुल के समीप बजराहा में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की 95वीं जयंती मनायी गयी. सामाजिक न्याय परिषद ने जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण हुआ. संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने प्रतिमा का अनावरण किया. मौके पर अतिथियों व अन्य लोगों ने दशरथ मांझी की प्रतिमा पर फूल माला अर्पित किया. कार्यक्रम में अतिथि अविनाश देव ने दशरथ मांझी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. कहा कि दशरथ मांझी का जीवन संघर्ष से भरा था. सुदूरवर्ती इलाके में जाते समय उनकी पत्नी की मौत हो गयी थी. बताया जाता है कि सड़क नहीं रहने की वजह से आवागमन में परेशानी हो रही थी. इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए दशरथ मांझी ने पहाड़ काट कर रास्ता बनाने का संकल्प लिया. उनका यह दृढ़ संकल्प था कि दुर्गम रास्ते को सुगम बनाया जायेगा, ताकि भविष्य में फगुनिया देवी की मौत नहीं होगी. अपने इस संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए दशरथ मांझी ने 22 वर्षों तक कठिन परिश्रम किया. इसके बाद उन्होंने पहाड़ को काट कर सुगम रास्ता बनाया. मौके पर रवींद्र भुइयां, राजू भुइयां, विश्वनाथ भुइयां, मनोज भुइयां, पारसनाथ भुइयां, भिक्खु भुइयां, श्यामनारायण भुइयां, रिंकू मेहता, चंदन भुइयां, प्रभु भुइयां, टिंकू राम, प्रदीप भुइयां मौजूद थे.
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