पलामू में जंगलों-पहाड़ों से होकर 12 km दूर जाकर कर रहे हाईस्कूल की पढ़ाई, डीसी से लगायी ये गुहार
ग्रामीणों ने पलामू के उपायुक्त से आग्रह किया है कि लोहबंधा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर दिया जाए, ताकि लड़के-लड़कियां आसानी से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी कर सकें. बच्चों को हाईस्कूल में पढ़ाई के लिए 10 से 12 किमी की दूरी तय करने की मजबूरी है.
Jharkhand News: झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड की सुदूरवर्ती महूदंड पंचायत के लोहबंधा क्षेत्र के बच्चों को हाईस्कूल में पढ़ाई के लिए 10 से 12 किमी की दूरी तय करने की मजबूरी है. सबसे बड़ी परेशानी ये है कि जंगलों-पहाड़ों से हो कर बच्चों को हाईस्कूल जाना पड़ता है. इसमें बच्चियों को काफी दिक्कत होती है. ग्रामीणों ने पलामू के उपायुक्त से आग्रह किया है कि लोहबंधा के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर दिया जाए, ताकि लड़के-लड़कियां आसानी से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी कर सकें.
दो शिक्षकों के भरोसे आठवीं तक की पढ़ाई
पलामू के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, लोहबंधा में वर्ग 1 से 8 तक पढ़ाई होती है. 224 विद्यार्थियों का भविष्य सिर्फ 2 शिक्षकों के भरोसे है. ग्रामीणों के अनुसार विद्यालय की स्थापना 1960 में प्राथमिक विद्यालय के रूप में की गयी थी. चार दशक बाद वर्ग आठ तक उत्क्रमित किया गया. 8वीं के बाद बच्चों को हाईस्कूल के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. इसके लिए ग्रामीणों ने डीसी से गुहार लगायी है कि इस विद्यालय को हाईस्कूल में अपग्रेड कर दिया जाए.
लोहबंधा स्कूल को अपग्रेड कीजिये हुजूर
ग्रामीण इश्हाक अनवर ने कहा कि महूदंड में आयोजित जनता दरबार मे पलामू उपायुक्त को लोहबंधा स्कूल को अपग्रेड करने के लिए मुखिया व ग्रामीणों ने आवेदन दिया था. उन्हें उम्मीद है कि उपायुक्त इस दिशा में पहल करेंगे.
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5-6 गांवों के बच्चों को ज्यादा परेशानी
ग्रामीण हरिहर यादव का कहना है कि क्षेत्र के स्लाइयाटिकर, नासोजमालपुर, नइया, लोहबंधा, माहुर, भौरुही, मंगरद आदि गांवों के बच्चों को काफी परेशानी होती है. इसके लिये पहाड़ी इलाकों व जंगलों से जाना होता है. आने-जाने में उन्हें काफी परेशानी होती है.
प्रखंड मुख्यालय से 32 किमी दूर
ग्रामीण तौहीद अंसारी ने कहा कि यह पंचायत जंगलों व पहाड़ों के बीच 19 किमी में फैला है, जबकि लोहबंधा गांव से प्रखंड मुख्यालय हुसैनाबाद की दूरी तकरीबन 32 किमी है. बच्चों के लिए इस दूरी को तय करना कठिन है. सरकार को इस दिशा में अविलंब पहल करने की जरूरत है.
बालिकाओं को होती है परेशानी
ग्रामीण बिनोद परहिया का कहना है कि यह इलाका जंगलों व पहाड़ों से घिरा है. लोहबंधा स्कूल को अपग्रेड कर दिया जाए, तो सभी घर के लड़के-लड़कियों के लिए हाईस्कूल की पढ़ाई आसान हो जाएगी. यह इलाका हरिजन, आदिवासी, पिछड़ा बहुल है. लड़कियों को हाईस्कूल जाने में काफी परेशानी होती है.
रिपोर्ट : जीतेन्द्र, हुसैनाबाद, पलामू